कर्नाटक में पिछले छह दिनों से चला आ रहा सियासी संकट अब मंगलवार तक टक गया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि तब तक किसी भी विधायक को अयोग्य घोषित नहीं किया जा सकेगा। क्योंकि कल ही कांग्रेस और जेडीएस ने मानसून सत्र के लिए व्हिप जारी किया था। फिलहाल कुमारस्वामी सरकार के पास चार दिन का समय है, जिसके जरिए वह सरकार बचा सकती है।

फिलहाल राज्य की कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन को अपने विधायकों को मैनेज करने के लिए मंगलवार तक का समय मिल गया है। क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष का कहना था कि विधायकों के इस्तीफों का परीक्षण करने के लिए उन्हें समय की जरूरत है। जिसको सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया है। हालांकि आज से ही विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो गया है।

जिसके लिए कांग्रेस और जेडीएस ने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया था। जिसके तहत पार्टी ने कहा था कि अगर कोई विधायक व्हिप का उल्लंघन करता है तो उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। फिलहाल राज्य के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने सदन में विश्वास मत हासिल करने का फैसला किया है।

हालांकि इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार कहना है कि जब मुख्यमंत्री जब भी इसके लिए समय मांगेंगे, उन्हें समय दिया जाएगा। फिलहाल बीजेपी ने अपने विधायकों को बेंगलुरू के रमादा होटल में रखा है जबकि कांग्रेस अपने विधायकों को क्लार्क एग्जोटिका रिजॉर्ट में रखेगी।

वहीं बागी विधायक कल रात को विधानसभा अध्यक्ष से मिलने के बाद मुंबई वापस लौट गए थे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के डीजीपी को विधायकों को समुचित सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया था। गौरतलब है कि शनिवार को कांग्रेस और जेडीएस के 14 विधायकों ने विधासभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद राज्य की कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ गयी थी।

हालांकि अभी तक विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों के इस्तीफों को मंजूर नहीं किया है। लिहाजा इस मामले में विधायक सुप्रीम कोर्ट चल गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों से गुरुवार की शाम छह बजे तक विधानसभा अध्यक्ष को फिर से इस्तीफा देने को कहा था। राज्य में इन 14 विधायकों के अतिरिक्त दो और विधायकों ने इस्तीफा दिया था जबकि कुमारस्वामी सरकार को समर्थन दे रहे दो निर्दलीय विधायकों ने भी सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।