कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की सरकार पर संकट के बादल अभी भी छाए हुए हैं। बागी विधायकों ने अपना इस्तीफा लेने से साफ मना कर दिया है। जबकि कांग्रेस और जेडीएस के सभी नेता उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं। पहले बागी रूख अपने कांग्रेस के विधायक नागराज फिलहाल पार्टी नेताओं के मनाने से मान गए हैं और अब अन्य बागी नेताओं को सरकार के समर्थन के लिए तैयार कर रहे हैं। इसके लिए वह मुंबई गए हैं जहां वह बागी विधायकों से मिलेंगे। हालांकि बागी विधायकों ने किसी से भी मिलने से इंकार कर दिया है।

पिछले नौ दिनों से कर्नाटक में चला आ रहा कुमारस्वामी सरकार पर संकट अभी भी गहराया हुआ है। हालांकि कुमारस्वामी ने विधानसभा में बहुमत साबित करने का दावा किया है। वहीं बीजेपी ने भी सोमवार को कुमारस्वामी सरकार से फ्लोर टेस्ट के लिए दबाव बनाने की रणनीति बनाई है। लेकिन सबकी नजर बागी विधायकों पर लगी है।

क्योंकि तीन पहले बेंगलुरू पहुंचे कांग्रेस विधायक सोमाशेखर ने कहा कि वह किसी भी कीमत पर इस्तीफा वापस नहीं लेंगे। हालांकि सोमाशेखर ने तब कहा था कि वह पार्टी से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। अभी तक कांग्रेस और जेडीएस ने किसी भी बागी विधायक को पार्टी से बाहर नहीं किया है। क्योंकि ऐसा कर इसे सदन में अपना बहुमत साबित करना ही पड़ेगा।

फिलहाल मंगलवार तक बागी विधायकों के इस्तीफों पर विधानसभा अध्यक्ष को फैसला करना है। हालांकि इस बीच पांच अन्य विधायकों ने भी शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। विधायकों का कहना था कि उनकी याचिका भी दस विधायकों के साथ सुनी जाए।

फिलहाल पहले बागी रुख अपना नागराज अन्य बागी विधायकों को मनाने के लिए मुंबई गए हैं। ताकि उन्हें सरकार के पक्ष में लाया जा सके। हालांकि सभी विधायकों ने होटल प्रबंधन से बोल दिया है उन्हें किसी से नहीं मिलना है और उनके कमरों में किसी को भी आने की अनुमति न दी जाए।

गौरतलब है कि करीब 16 विधायकों के इस्तीजफे के कारण संकट में फंसी कांग्रेस जेडीएस की सरकार अब शक्िआने परीक्षण का सामना करने जा रही है। हालांकि कुमारस्वामी सरकार का दावा है कि दो बागी विधायकों ने इस्तीफे वापस ले लिए हैं।