कर्नाटक में इस बार मुकाबले में हमेशा विरोधी रहने वाली कांग्रेस और जेडीएस पहली बार एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं. जेडीएस नेता और मुख्यमंत्री एच डी कुमारास्वामी और कांग्रेस नेताओं पर चुनाव आयोग के निर्देश पर हुई इनकम टैक्स रेड के चलते चुनाव रोचक हो गया है. राज्य की ज्यादातर लोकसभा सीटों पर केन्द्र में सत्तारूढ़ बीजेपी के उम्मीदवारों का सीधा मुकाबला जेडीएस और कांग्रेस के गठबंधन से है. हालांकि राज्य में सुर्खियों में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा हैं क्योंकि उनके 2 पोते पार्टी टिकट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

देवगौड़ा ने परिवारवाद का किया बचाव

जेडीएस को पारिवारिक उद्यम बनाने के लिये आलोचनाओं का सामना कर रहे पार्टी सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने कहा कि जनता और पार्टी कार्यकर्ता चाहते थे कि उनके पोते निखिल कुमारस्वामी और प्रज्वल रेवन्ना क्रमश: मांड्या और हासन लोकसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ें। 

हासन में अपना वोट डालने के बाद गौड़ा ने कहा कि विरोधी दल उन पर परिवारवाद की राजनीति करने का आरोप लगाते हैं लेकिन राजनीति में उनकी कामयाबी भगवान के आशीर्वाद और मतदाताओं के कारण हैं, जिनकी उनका परिवार यथासंभव सर्वश्रेष्ठ तरीके से सेवा करता है। 

उन्होंने कहा, “लोग इसे पारिवारिक राजनीति बताते हैं। हम किसान के बेटे हैं। हम भगवान पर भरोसा करते हैं। मेरे पिता एक साधारण किसान थे। ईश्वर की कृपा से राजनीति में हमारा कद बढ़ता गया।” पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, “यह (वृद्धि) किसी के हाथ की बात नहीं है। मतदाताओं ने हमें मजबूत बनाया। चाहे वो रेवन्ना (लोकनिर्माण कार्य मंत्री) हों, मैं होऊं या (मुख्यमंत्री) कुमारस्वामी हों, हमने अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमताओं से उनकी सेवा की।” 

गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री के दोनों पोते मांड्या और हासन से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. मांड्या लोकसभा सीट पर आज मतदान हो रहा है. गौरतलब है कि तुमकुर की तरह मांड्या लोकसभा सीट भी कांग्रेस से समझौते के बाद जेडीएस के खाते में है और इस सीट पर निखिल कुमारस्वामी मैदान में हैं. निखिल मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के बेटे हैं.

वहीं हासन लोकसभा सीट पर भी दूसरे चरण के दौरान वोटिंग हो रही है. इस सीट पर भी एचडी देवगौड़ा के दूसरे पोते प्रज्जवल रेवन्ना मैदान में हैं. उनका सीधा मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार ए मंजू से है. गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनावों में हासन सीट से खुद एचडी देवगौड़ा चुनाव लड़े थे और जीत दर्ज की थी. देवगौड़ा ने ए मंजू को एक लाख से अधिक वोटों से मात दी थी.