पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से फिलहाल इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम के वकील को मुख्य न्यायाधीश की पीठ के समक्ष मेंशन करने को कहा है। 

कार्ति चिदंबरम ने पूर्व में विदेश जाने के लिए जमा कराई गई 10 करोड़ रुपये की गारंटी राशि वापस मांगी है। जिसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के अवकाशकालीन पीठ ने मुख्य न्यायाधीश के बेंच में मेंशन करने का आदेश दिया। 

कार्ति मई-जून में विदेश जाना चाहते है। जिसपर कोर्ट ने दोबारा 10 करोड़ रुपये जमा कराने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी-मार्च के बीच यूके, स्पेन, जर्मनी और फ्रांस जानें के लिए कुछ शर्तों के साथ कोर्ट ने अनुमति दे दी थी। 

कोर्ट ने इसके लिए कार्ति को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में 10 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया था। जिसके बाद कार्ति ने रजिस्ट्री में 10 करोड़ रुपये जमा कर दिए थे। लेकिन रजिस्ट्री ने अभी तक उस पैसे को नही लौटाया है। 

ज्ञात हो कि चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई आईएनएक्स मीडिया मामले की जांच कर रही है। जिसमें विदेश से 305 करोड़ रुपये धन प्राप्त करने के आरोप है। 

कार्ति के खिलाफ यह मामला तब का है, जब उनके पिता पी चिदंबरम यूपीए सरकार में वित्त मंत्री थे। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट से कहा था कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम कोर्ट से मिली विदेश यात्रा की स्वतंत्रता का स्पष्ट रूप से दुरुपयोग जांच से बचने के लिए कर रहे है। 

वहीं, दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस डील में पिता पुत्र की 1 फरवरी तक गिरफ्तारी से छूट दी है। पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में पेश की गई आरोप पत्र में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम को आरोपी नंबर 1 बताया था। एयरसेल-मैक्सिस डील में कुल नौ आरोपियों के नाम ईडी ने शामिल किए है। आरोप पत्र में वित्तमंत्री रहते पी चिदंबरम पर अपने पद और दफ्तर का दुरुपयोग का आरोप लगाया है।