लखनऊ। बनारस के काशी विश्वनाथ के महंत बिरादरी ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण और उनके परिवार के मंदिर में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मंहत बिरादरी ने चव्हाण के उस बयान के बाद फैसला किया है। जिसमें उन्होंने कहा था कि मंदिरों के सोने का सोना लेकर विकास कार्यों में लगाया जाना चाहिए।

मंहत बिरादरी ने कहा कि इस तरह का फैसला अन्य ज्योर्तिलिंगों में भी किया जा सकता है। फिलहाल चव्हाण के बयान के बाद हिंदू संगठनों ने अपना विरोध जताया है और कहा कि कांग्रेस को सिर्फ मंदिर दिखते हैं और जब वह सत्ता में थी तो उन्होंने मंदिरों को अपने नियंत्रण में लिया, जबकि अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों को सहूलियतें दी।

फिलहाल चव्हाण के बयान की देशभर में आलोचना हो रही है। वहीं काशी में महंत बिरादरी ने पूर्व मुख्यमंत्री और उनके परिजनों के मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। मंहत बिरादरी ने अन्य ज्योतिर्लिंग मंदिरों से भी आग्रह किया है कि उनके इस बयान के बाद कांग्रेस नेता के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की जाए और उन्हें मंदिर में जाने से प्रतिबंधित किया जाए।

चव्हाण ने हाल ही में कहा था कि देश के सभी धार्मिक ट्रस्टों के पास कम से कम $ 1 ट्रिलियन के साथ पड़े सोने का इस्तेमाल होना चाहिए। उन्होंने कहा था कि कम ब्याज दर पर सोने के बॉन्ड के जरिए सोना उधार लिया जा सकता है। क्योंकि कोरोना संकट काल में देश के सामने एक आपातकालीन स्थिति है।

हालांकि चव्हाण ने अन्य धर्मों के पूजा स्थलों के बारे में कुछ नहीं कहा। जिसके कारण हिंदू समाज और संगठन उनका विरोध कर रहे हैं।  मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि काशी के महंत ने कहा, "हिंदू मंदिरों से सोना लेने से पहले कांग्रेस के नेताओं से धन लिया जाना चाहिए। क्योंकिआजादी के बाद से कांग्रेस नेताओं ने बड़ी संपत्ति अर्जित की है। 

हिंदू संतों और संगठनों ने साफ किया है कि कांग्रेस चर्चों और मस्जिदों को छोड़कर अकेले हिंदू मंदिरों को निशाना रही है और इस तरह की हरकत पार्टी पहले भी कर चुकी है। एक अन्य पुजारी ने कहा कि वह चव्हाण के बयान से आहत हैं जब देश में कांग्रेस सरकार थी तब भी काशी विश्वनाथ मंदिर को सरकार ने लूटा गया और मंदिर को अपने नियंत्रण में लिया। जबकि अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों को छूट  दी।