जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर के गांदेरबल जिले से आतंकी संगठनों के लिए काम करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इन दोनों की पहचान इरफान अहमद मीर और आशिक हुसैन बाबा के तौर पर हुई है। दोनों पेशे से दर्जी हैं और लश्कर-ए-तय्यबा, हिजबुल मुजाहिदीन और जाकिर मूसा के आतंकी संगठन अंसार गजवत उल हिंद के लिए झंडे-बैनर बनाने का काम करते थे। 

'माय नेशन' से बात करते हुए एसएसपी खलील पोसवाल ने कहा, 'भरोसेमंद सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर गांदेरबल के सलूरा पट्टी इलाके में एक घर पर छापा मारा गया। यहां से बड़े पैमाने पर हिजबुल मुजाहिदीन और दूसरे आतंकी संगठनों के लिए बनाए गए झंडे बरामद हुए हैं। इसके अलावा झंडे बनाने का सामान, पेंट, सिलाई मशीन और कुछ मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है। इनमें भड़काऊ सामग्री मिली है।'

बताया जाता है कि ये दोनों व्हाट्सएप ग्रुप और ब्लैकबैरी मैसेंजर के जरिये कई आतंकी संगठनों के सरगनाओं के संपर्क में थे। उन्हें इन समूहों से आतंकी दुष्प्रचार को फैलाने वाले झंडे तैयार करने का डिजाइन मिलता था। 

पुलिस को दोनों के कब्जे से सेना जैसी वर्दी भी बरामद हुई है। इनमें जाकिर मूसा के संगठन अंसार गजवत उल हिंद के बैच लगे हैं। पुलिस ने दोनों से बरामद मोबाइल को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। इससे कुछ और लोगों के  बारे में सूचना मिलने की उम्मीद है। 

जांच के दौरान पता चला है कि घाटी में कुछ दिन पहले हुए भारत विरोधी प्रदर्शन के तौरान दोनों को आतंकी तंजीमों के लिए झंडे तैयार करने का काम मिला था। एक उच्च पदस्थ सूत्र ने 'माय नेशन' को बताया कि दोनों पुलिस के रडार से बाहर एक तकनीक रूप से सुरक्षित क्षेत्र से अपनी गतिविधियां चला रहे थे। दोनों की सिलाई की दुकान घाटी में भारत विरोधी प्रदर्शनों के दौरान बंद रहती थी। ताकि सुरक्षा एजेंसियों का संदेह उन पर न जाए। 

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस संबंध में गांदेरबल पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एसएसपी गांदेरबल ने 'माय नेशन' को बताया कि दोनों से मिली सूचना के आधार पर जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।