जम्मू-कश्मीर के बहुचर्चित कठुआ मामले से चर्चा में आई वकील दीपिका सिंह राजावत से पीड़ित परिवार ने पल्ला झाड़ लिया है। 8 साल की बच्ची से गैंगरेप के इस मामले में वह सुनवाई में नियमित तौर पर नहीं आ रही थी। इसके बाद बच्ची के पिता ने पठानकोट कोर्ट में दीपिका सिंह राजावत को केस से हटाने का आवेदन दिया था। इसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। पीड़िता के पिता ने कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि राजावात ने खुद की जान को खतरा बताया है। वह सुनवाई में भी कम आ रही हैं। 

राजावत ने परिवार की तरफ से पीड़िता का केस लड़ने के लिए पहल की थी, जिसके बाद वह एक नेशनल सिलेब्रिटी बन गई थीं। यहां तक कि हॉलीवुड स्टार एम्मा वॉटसन ने भी उनकी तारफी की। उन्होंने यह केस लड़ने के लिए इंडियन मर्चेंट चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की महिला शाखा ने 'वूमन ऑफ द ईयर' से भी सम्मानित किया था। 

'माय नेशन' के पास मौजूद वीडियो में पीड़िता के पिता कह रहे हैं, 'दीपिका का कहना है कि पठानकोट में उनकी जान को खतरा है। इसलिए वह सुनवाई में शामिल नहीं हो रही है। वह 110 सुनवाई में सिर्फ दो में शामिल हुई हैं। हमने इसलिए कोर्ट में हलफनामा देकर उन्हें हटाने को अनुरोध किया था।'

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हालांकि खुद को हटाए जाने से दीपिका राजावत पीड़ित परिवार पर भी भड़क गईं। उन्होंने इसे 'इंसानी फितरत' बताया है। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'जब कोई नहीं था, तब मैं उनके साथ खड़ी थी। अब जब मुश्किल दौर खत्म हो गया है, वे मुझसे पल्ला झाड़ रहे हैं, क्योंकि मैं सुनवाई के दौरान नियमित रूप से पेश नहीं हो पा रही हूं। लेकिन मामले को वरिष्ठ क्रिमिनल वकीलों द्वारा देखा जा रहा है। मैं उन्हें दोष नहीं दे रही। यह इंसानी फितरत है, जो समय के साथ बदलती रहती है।'