केदारनाथ में वर्ष 2013 को आई प्रलयंकारी बाढ़ के बाद शुरू हुए पुनर्निर्माण के बाद केदारपुरी नए स्वरूप में नजर आने लगी है। हालांकि अभी कई ऐसी योजनाएं हैं, जिन्हें पूरा किया जाना है। ताकि केदारपुरी को उसका दिव्य और भव्य स्वरूप लौटाया जा सके। इसी काम को तेजी से पूरा करने का जिम्मा अब उत्तराखंड की बेटियों ने उठा लिया है। यूथ फाउंडेशन के तहत देश की सेवा के लिए सैन्य बलों में भर्ती होने का प्रशिक्षण ले रहीं ये लड़कियां अब केदारनाथ में पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करने में जुट गई हैं। 

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अभी 13 लड़कियों को केदारनाथ के पुनर्निर्माण के काम से जोड़ा गया है। इससे यह संदेश देने का भी प्रयास किया जा रहा है कि बेटियों के लिए कोई काम नामुमकिन नहीं है। ये लड़कियां केदारनाथ में पुलों, वॉल गार्डर पर पेंट, मेस कमांडर, क्वॉटर मास्टर, साइट इंचार्ज, निर्माण सामग्री तैयार करने समेत कई तरह के कार्य कर रही हैं। उन्होंने कुछ दिनों में ही जेसीबी मशीन चलाना सीख लिया है। जेसीबी और पोकलैंड मशीन को ऑपरेट करना अब उनके लिए चुटकी भर में करने लेने वाला काम है। पुल टूटने पर केदारनाथ यात्रा पर आए श्रद्धालुओं के फंस जाने की स्थिति में ये लड़कियां यात्रियों को यह भी दिखा रही हैं कि उफनती नदी को कैसे पार किया जाता है। 

अगस्तमुनि की नीमा नेगी जेसीबी ऐसे चलाने लगी हैं, जैसे बाएं हाथ का खेल हो। उत्तरकाशी की गंगा राणा व वंदना रावत, रुद्रप्रयाग की गुंजन, कंचन, ममता, किरण, शालिनी, रचना, पूजा, वंदना और अमृता सुरक्षा दीवार के गार्डरों की पेंटिंग सहित स्टोर कीपर और मास्टर स्टोर होल्डर का काम संभाल रही हैं। टिहरी गढ़वाल की विनीता पवार केदारनाथ में स्टोन कटर चला रही हैं। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के सूबेदार और केदारनाथ में काम देख रहे मनोज सेमवाल मुताबिक, ये लड़कियां अब मंदिर परिसर, मंदिर मार्ग और चबूतरे के लिए पत्थरों को तैयार करवाएंगी। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में खुद केदारपुरी के पुनर्निर्माण से संबंधित पांच परियोजनाओं का शिलान्यास किया था, जिनमें केदारनाथ मंदिर परिसर पहुंचने के मुख्य मार्ग चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण कार्य, सरस्वती और मंदाकिनी नदियों के बाढ़ सुरक्षा और घाट निर्माण कार्य, तीर्थ पुरोहितों के लिये आवासीय भवनों के निर्माण कार्य तथा आदि शंकराचार्य के समाधि स्थल के पुनर्निर्माण कार्य शामिल थे। कुछ काम हो चुके हैं। सारा काम अक्तूबर 2018 तक पूरा होने की संभावना है। पीएम खुद इस काम की निगरानी कर रहे हैं।