रेस्कयू ऑपरेशन में लगी टीम ने इस बात की जानकारी दी कि महिला ने अपने पालतू कुत्तों के बिना बाढ़ प्रभावित घर छोड़ने से इनकार कर दिया। राज्य में बाढ़ से सबसे ज्यादा जिलों में त्रिशूर भी एक है। यहां सुनिता नाम कि एक महिला को बचाने जब बचावकर्मी पहुंचे तो उनका घर पूरी तरह से डूब चुका था। राहतकर्मियों के सामने बड़ा संकट तब खड़ा हो गया जब महिला ने कुत्तों के बिना उनके  साथ जाने से इनकार कर दिया। राहतकर्मियों ने महिला से कहा कि वो सिर्फ उसे ही बचा सकते हैं उसके कुत्तों को नहीं, फिर भी महिला नहीं मानी।


ह्यूमेन सोसायटी इंटरनेशनल की सैली वर्मा के मुताबिक महिला जब कुत्तों के बिना घर छोड़ने को तैयार नहीं हुई तो किसी तरह उससे संपर्क साधा गया जिसके बाद उन्हें रेस्क्यू कर बाढ़ से बचाया गया।


“ह्यूमेन सोसायटी इंटरनेशनल की टीम महिला के घर पहुंची तो पाया कि घर पानी में पूरी तरह डूबा हुआ था और कुत्ते बिस्तर पर चढ़े हुए थे। इसके बाद रेस्क्यू की टीम ने आनन-फानन में सुनीता, उनके पति और 25 कुत्तों को वहां से बाहर निकाला। सुनीता और उनके पति को कुत्तों के साथ ही जानवरों के लिए बनाए गए एक राहत शिविर में रोका गया है” ये जानकारी सैली वर्मा ने दी है। 


राज्य में भयंकर बारिश के बाद बाढ़ और लैंडस्लाइड से भारी तबाही हुई है। मरने वालों की संख्या साढ़े तीन सौ के पार पहुंच गई है। शनिवार को भी 33 लोगों की मौत हो गई। बाढ़ से लाखों लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। सड़कें धंस गई हैं, मकान डूब गए हैं। तीनों सेना के जवानों के साथ एनडीआरएफ राहत और बचाव के काम में लगी है।