तिरूवनंतपुरम। राज्य सरकार ने विधानसभा में व्यापार सलाहकार समिति की बैठक के दौरान राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को वापस बुलाने की मांग को लेकर विपक्ष की नोटिस को ठुकरा दिया। राज्य सरकार ने कहा कि संविधान में राज्यपाल को वापस बुलाने को लेकर नियम नहीं है। हालांकि विपक्ष दल कांग्रेस का कहना है वह एक बार फिर मुख्यमंत्री के समक्ष इस मुद्दे को उठाएंगे।

राज्य के संसदीय कार्य मंत्री ए के बालन ने कहा कि न तो संविधान और न ही विधान सभा के नियमों में राज्यपाल को वापस बुलाने के लिए नियमों का उल्लेख है। लिहाजा राज्य सरकार ने गवर्नर को वापस बुलाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि राज्य की एलडीएफ सरकार और राज्यपाल के बीच गठबंधन है। लिहाज वह इस प्रस्ताव को नहीं ला रही है। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि राज्यपाल के खिलाफ एलडीएफ का बयान महज एक दिखावा था। चेन्निथला ने यह भी आरोप लगाया कि स्पीकर ने विपक्ष के नोटिस की वैधता को बनाए रखने के लिए संसदीय कार्य मंत्री ए. के. बालन से संपर्क किया।


चेन्निथला ने कहा मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन जब 3 फरवरी को भाषण देंगे तो वह अपनी मांगों को उनके सामने रखेंगे। हम सरकार को इसके लिए नोटिस देंगे और अगर  सरकार फिर से नोटिस पर विचार करने से इनकार करती है, तो हम मतदान के लिए दबाव डालेंगे। उधर राज्य के संसदीय कार्य मंत्री ए के बालन ने कहा कि न तो संविधान और न ही विधान सभा के नियमों में राज्यपाल को वापस बुलाने के बारे में कोई उल्लेख है। उन्होंने आरोप लगाया है कि विपक्ष का उद्देश्य सरकार और राज्यपाल के बीच के मुद्दों को बिगड़ाना और राज्य में प्रशासनिक संकट पैदा करना है। उधर 
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि राज्यपाल को वापस बुलाने की विपक्ष की मांग को स्वीकार किया गया था।