अदालत ने देवस्वव बोर्ड द्वारा शुरू की गई परियोजना के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। सर्वेक्षण काटे गए पेड़ों की संख्या और ठोस खंभे के बीच की दूरी पर ध्यान केंद्रित करेगा। सर्वेक्षण के बाद ही लागत के बारे में पूरी जानकरी मिल सकती है। सर्वेक्षण को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए तैयार हो रही है।

रोपेवे के फायदों में मुख्य यह है कि  आपातकाल के समय भक्तों को अस्पताल ले जा सकते हैं और पूजा की सामाग्री का परिवहन आसानी से किया जा सकता है। सर्वेक्षण टीम इस बात का सर्वेक्षण करेगी कि रोपवे परियोजना के लिए कुल वन क्षेत्र का कितना क्षेत्र निर्धारित किया जाएगा। जिसकी चौडाई 12 मीटर की होगी। मैसूर में सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएफटीआरआई) की मदद से अपेक्षाकृत कम लागत पर नई तकनीक का उपयोग करके अरवन तैयार किया जाएगा