पिछले महीने बुंलदशहर में हिंसा का मुख्य आरोपी योगेश राज आखिरकार 31 दिनों के बाद यूपी पुलिस की गिरफ्त में आ ही गया। योगेश राज इस घटना के बाद फरार चल रहा था। यूपी पुलिस द्वारा दर्ज की गयी एफआईआर में योगेश को मुख्य आरोप बनाया गया है। उधर आज भारी पुलिसबल की मौजूदगी में योगेश राज को कोर्ट में पेश किया गया। उसके बाद कोर्ट ने उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा दिया। एसआईटी की देर तक चली पूछताछ के बाद योगेश राज को बुलंदशहर ज़िला न्ययालय में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया है और फिर कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

असल में तीन दिसंबर को बुलंदशहर में कथित गोकशी के बाद हिंसा भड़की गयी थी और इसमें एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक स्थानीय निवासी की मौत हो गयी थी। यूपी पुलिस के मुताबिक योगेश को खुर्जा के पास किसी जगह से गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले योगेश राज की गिरफ्तारी में हो रही देरी को लेकर यूपी पुलिस पर सवाल उठ रहे थे। हालांकि ये भी कहा जा रहा था कि पुलिस योगेश राज को क्लीन चिट देने की तैयारी कर रही थी। इससे पहले पुलिस ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के हत्या के मामले में प्रशांत नट और कलुआ को गिरफ्तार किया था लेकिन पुलिस द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोपी नंबर एक योगेश राज था। इस हिंसा के लिए योगेश राज के साथ ही शिखर अग्रवाल को भी मुख्य आरोपी बनाया गया है।

हालांकि अग्रवाल को कोर्ट से 30 दिन की सुरक्षा मिली है। ऐसा माना जा रहा है कि राज की गिरफ्तारी के बाद आज आईजी मेरठ जोन आज दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं। अभी तक यूपी पुलिस इस हिंसा के लिए हिंसा के 31 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। योगेश के बारे में जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक योगेश राज पहले एक प्राइवेट नौकरी करता था। 2016 में योगेश बजरंग दल का जिला संयोजक बना। उसके बाद नौकरी छोड़कर पूरी तरह संगठन के लिए काम करने लगा। पुलिस का आरोप है कि घटना के दिन योगेश राज ने हिंसक भीड़ की अगुआई की थी। यह स्याना के नयाबांस गांव का रहने वाला है और पहले भी कई विवादों में इसका नाम आ चुका है।

"