इस तूफान के कारण 11.5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित होंगे। ओडिशा के पुरी और उसके आसपास के जिलों से लोगों को निकालने का काम शुरू हो गया है और पर्यटकों को भुवनेश्वर और अन्य सुरक्षित इलाकों में भेजा रहा है। राज्य में आपदा प्रबंधन की टीमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का कार्य कर रही हैं। फानी चक्रवात 1999 में ओडिशा में पहले भी आ चुका है और तब इसके कारण हजारों लोगों की जान चली गयी थी।
आज भीषण चक्रवात फानी ओडिशा से तट से टकरा गया है। इस तूफान के कारण ओडिशा के पुरी में 100 किलोमीटर से ज्यादा तेज रफ्तार से हवाएं चल रही हैं साथ ही तेज बारिश भी हो रही है। राज्य में इससे पहले भी फानी तूफान अपना कहर बरपा चुका है।
फिलहाल इस तूफान के कारण 11.5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित होंगे। ओडिशा के पुरी और उसके आसपास के जिलों से लोगों को निकालने का काम शुरू हो गया है और पर्यटकों को भुवनेश्वर और अन्य सुरक्षित इलाकों में भेजा रहा है। राज्य में आपदा प्रबंधन की टीमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का कार्य कर रही हैं। फानी चक्रवात 1999 में ओडिशा में पहले भी आ चुका है और तब इसके कारण हजारों लोगों की जान चली गयी थी।
अब जेहन में सवाल ये उठता है कि आखिर फानी क्या है इसका नाम कैसे पड़ा और इसके मायने क्या हैं। असल में फानी तूफान बांग्लादेश के तट से उभरा है और वहां पर फानी का अर्थ होता है सांप। फिलहाल ये तूफान उत्तर हिंद महासागर में उठ रहा है और ये जिस देश के दायरे में उठता है। उसी देश के आधार पर इसका नाम रखा जाता है। फिलहाल इसका दायरा बांग्लादेश है। लिहाजा इसे वहीं के प्रचलित नाम पर रखा गया है।
आखिर कैसे रखें जाते हैं चक्रवातों के नाम
इसके लिए एक प्रक्रिया है और ये नाम यूएन की वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाजेशन के द्वारा बनाए गए नियमों के मुताबिक रखे जाते हैं। यानी जिस देश में तूफान आएगा, वह देश इसे नाम देगा। अगर सम नंबर के वर्ष यानी 2014 में ये आएगा तो इसे पुरुषों का नाम दिया जाएगा जबकि विषय नंबर मसलन 2015 में आने वाले चक्रवात को महिलाओं के नाम पर दिया जाएगा। भविष्य में आने वाले चक्रवातों आठ नामों का सुझाव दिया गया था और इसमें फानी भी शामिल है। फिलहाल भारत ने अग्नि, आकाश, बिजली, जल, लहर, मेघ, सगर और वायु चक्रवाती तूफान के नाम सुझाए हैं।
Last Updated May 3, 2019, 11:16 AM IST