सुप्रीम कोर्ट ने आज राफेल मामले पर कांग्रेस के आरोपों की हवा निकाल दी। सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश के बाद मोदी सरकार पर उछाला जा रहा कीचड़ धुल गया है। आईए जानते हैं दस बिंदुओं को आपको समझाते हैं सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
1- लड़ाकू विमानों की जरूरत है और देश लड़ाकू विमानों के बगैर नहीं रह सकता है।
2- कोर्ट ने कहा कि प्राइस और ऑफसेट पार्टनर की समीक्षा करना कोर्ट का काम नहीं। सरकार की निर्णय लेने की प्रक्रिया बिल्कुल सही थी।
3- सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाएं खारिज करते हुए कहा कि रक्षा सौदों में कोर्ट की दखलंदाजी ठीक नहीं।
4- राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई अवसर नहीं है।
5- राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत पर निर्णय लेना अदालत का काम नहीं है।
6- हमें फ्रांस से 36 राफेल विमानों की खरीद की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नजर नहीं आता है।
7- सुप्रीम कोर्ट ने कहा, फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के बयान के बाद याचिकाएं दायर की गई जो विचारणीय नहीं हैं।
8- अंबानी को ऑफसेट पार्टनर बनाए जाने पर लोगों की क्या धारणा है इस पर हम फैसला नहीं दें सकते। हमें लगता है कि सरकार की इसे तय करने में कोई भूमिका नहीं थी।
9- कोर्ट ने कहा किसी एक व्यक्ति का विचार याचिका दायर करने का आधार नहीं हो सकता।
10- सुप्रीम कोर्ट ने माना कि भारतीय वायुसेना में राफेल की तरह के चौथी और पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को शामिल करने की जरूरत है ।
Last Updated Dec 14, 2018, 5:02 PM IST