पटना। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गायब होने के पोस्टर लगे हैं। पोस्टर लिखा गया है कि राज्य की सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड में दो फाड़ हो चुके हैं और अभी तक पार्टी ने अपना रूख साफ नहीं किया है। हालांकि पोस्टर में किसी  ने अपना नाम नहीं लिखा है। इन पोस्टर में लिखा गया है कि नीतीश कुमार गुमशुदा हैं।

असल में राजधानी पटना में कई जगहों पर नीतीश कुमार के गुमशुदा होने के पोस्टर लगे हैं। हालांकि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इन पोस्टरों को सरकार और पार्टी के विरोधियों ने लगाया है। पोस्टर में लिखा गया है कि राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण और नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जदयू दो भागों में विभाजित हो चुकी है। हालांकि नीतीश कुमार ने साफ किया है कि सीएबी को लेकर पार्टी ने केन्द्र सरकार को समर्थन दिया है।

जबकि एनआरसी को लेकर पार्टी स्टैंड केन्द्र सरकार के खिलाफ है। इन दो कानूनों को लेकर विरोधी दलों ने राजधानी पटना में 'नीतीश कुमार गुमशुदा' के पोस्टर लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में नीतीश कुमार के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी की है। पोस्टरों में लिखा है कि राज्य का सीएम 'गूंगा- बहरा और अंधा मुख्यमंत्री'। इन पोस्टरों में राज्य के सीएम नीतीश कुमार की फोटो है और फिर नीचे लिखा गया है- लापता, लापता, लापता। वहीं दूसरे पोस्टर में लिखा गया है कि ‘देखिए यह चेहरे को कई दिनों से ना दिखाई दिया ना सुनाई दिया, ढूंढने वाले का बिहार सदा आभारी रहेगा’।

वहीं एक तीसरे पोस्टर में लिखा गया है कि अदृश्य मुख्यमंत्री- जो पांच साल में सिर्फ एक दिन शपथ ग्रहण समारोह में नजर आता है। बिहार में इस तरह पोस्टरों को लेकर जदयू के नेता नाराज है। हालांकि इन पोस्टरों में किसी का नाम नहीं लिखा गया है। गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने पार्टी लाइन जाकर बयान दिया। हालांकि इसके बाद प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार के बीच मुलाकात हुई और मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रशांत किशोर ने इस्तीफे की पेशकश भी की। लेकिन नीतीश कुमार ने इसके लिए मना कर दिया।