मुंबई। महाराष्ट्र में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता अजित पवार ने विधायक के पद से इस्तीफा दिया है। हालांकि पवार ने ये नहीं बताया है कि वह चुनाव लड़ेंगे या नहीं। हालांकि अभी तक उन्हें इस बारे में कोई खुलासा नहीं किया है। उधर एनसीपी प्रमुख शरद पवार के समर्थन में चले धरना प्रदर्शन से अजीत पवार ने दूरी बनाकर रखी थी। जिसके बाद ये कयास लगाए जाने लगे हैं कि अजीत पवार शरद पवार से नाराज चल रहे हैं।

महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस की सरकार में अजित पवार उपमुख्यमंत्री हुआ करते थे। उन्हें किसी दौर में शरद पवार का उत्तराधिकारी माना जाता था। लेकिन शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले की राजनीति में आने के बाद अजित पवार पार्टी में एक तरह के अलग थलग पड़ गए थे। असल में अब अजित पवार का नाम राज्य में हुए सहकारी बैंक घोटाले में सामने आया है। इस मामले में ईडी ने भी अजित पवार के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वहीं ईओडब्लू भी इस मामले की जांच कर रहा। जिसके कारण अजित पवार की मुश्किलें बढ़ी हुई है।

लिहाजा वह इस्तीफा देकर इस मामले में सहानुभूति चाहते हैं। लिहाजा इस्तीफा देकर उन्होंने जनता का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। शुक्रवार को ही ईडी ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार को सम्मन भेजा था। लेकिन इस मामले में विरोध होता देख ईडी ने पवार को ईडी के दफ्तर में ना आने का मेल भेजा। विरोध के कारण ही ईडी के दफ्तर के आसपास धारा 144 लागू कर दी गई थी। महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को चुनाव होने हैं। राज्य में कांग्रेस और एससीपी मिलकर चुनाव लड़ रही है।

दोनों दल का गठबंधन पिछले पांच साल सत्ता से बाहर है। लेकिन इन दोनों की मुश्किलें इसलिए भी बढ़ हुई हैं। क्योंकि ज्यादातर नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। अजीत पवार ने शुक्रवार को विधायक पद से इस्‍तीफा महाराष्‍ट्र विधानसभा के स्‍पीकर हरीभाऊ बगाड़े को भेजा था और जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया था।