लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने अपने मंत्रिमंडल का पहला विस्तार किया। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने 24 मंत्रियों को शपथ दिलाई। इनमें छह कैबिनेट, छह स्वतंत्र प्रभार व 11 राज्यमंत्री शामिल हैं। 

लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा रही चार मंत्रियों की विदाई। दरअसल कैबिनेट विस्तार से ठीक एक दिन पहले मंगलवार को वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल और बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार अनुपमा जायसवाल, कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह और अर्चना पांडेय से इस्तीफा ले लिया गया। इन चार मंत्रियों की छुट्टी की वजहें अलग अलग हैं। कुछ का प्रदर्शन खराब था, तो किसी ने उम्र ज्यादा होने का हवाला दिया था, तो किसी के उपर भ्रष्टाचार के आरोप थे। आईए सिलसिलेवार ढंग से करते हैं इन चारो मंत्रियों को हटाए जाने की पड़ताल- 

अनुपमा जायसवाल-

 
योगी सरकार में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल की मंत्रिमंडल से छुट्टी हो गई है। अनुपमा बेसिक शिक्षा अधिकारियों के तबादलों के साथ छात्रों के जूते-मोजे, स्वेटर और पाठ्य पुस्तकों के टेंडर को लेकर विवाद में रहीं। पिछले साल विभाग में बच्चों को फरवरी तक स्वेटर वितरित नहीं हुए थे। इसके अलावा छात्रों के जूते-मोजे के वितरण में देरी से सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। 68,500 शिक्षकों की भर्ती में भी अनियमितताओं की शिकायतें आई हैं। यह भर्ती अभी तक उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। 

धर्मपाल सिंह- 


सिंचाई मंत्री रहे धर्मपाल सिंह पर भी गाज गिरी है। सिंचाई विभाग में तबादलों में हुई गड़बड़ी और बढ़ती कमीशनखोरी की शिकायतें मिलने के बाद मंत्रिमंडल से उनकी छुट्टी हुई है। विभाग में कमीशनखोरी और दलालों का सक्रिय होना भी धर्मपाल सिंह को मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने की मुख्य वजह बनी। 

राजेश अग्रवाल- 


सरकार में वित्त मंत्री रहे राजेश अग्रवाल की मंत्रिमंडल से छुट्टी हो गई है। राजेश अग्रवाल और अपर मुख्य सचिव के बीच शुरू से ही तालमेल नहीं बैठ पा रहा था। अग्रवाल ने जिनके तबादले किए थे, अपर मुख्य सचिव ने उन फाइलों को मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया था। हालांकि वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल के इस्तीफे की वजह उनकी उम्र 75 वर्ष हो जाना बताया जा रहा है। 

अर्चना पांडेय- 


भूतत्व एवं खनिकर्म राज्यमंत्री अर्चना पांडेय की योगी कैबिनेट से छुट्टी हो गई है। एक स्टिंग ऑपरेशन में अर्चना पांडेय के निजी सचिव पर पैसा लेकर काम कराने का आरोप लगा था। इसके बाद निजी सचिव को हटा दिया गया था।