अरूणाचल के डिप्टी सीएम चौना मेन के बंगले पर कई प्रदर्शनकारियों ने आग लगा थी। इन प्रदर्शनकारियों न उनके बंगले में आग लगाने के साथ ही राजधानी में करीब 60 से ज्यादा वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
अरूणाचल के डिप्टी सीएम चौना मेन के बंगले पर कई प्रदर्शनकारियों ने आग लगा थी। इन प्रदर्शनकारियों न उनके बंगले में आग लगाने के साथ ही राजधानी में करीब 60 से ज्यादा वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
असल में रविवार की सुबह ईटानगर में राज्य के बाहर के छह समुदायों को स्थानीय निवासी का प्रमाण पत्र देने के कारण अन्य समुदाय के लोगों ने उपमुख्यमंत्री के आवास को आग के हवाले कर दिया है। जानकारी के प्रदर्शनकारियों ने जिला आयुक्त के आवास पर भी आगजनी की है। राज्य के डिप्टी सीएम के बंगले पर प्रदर्शनकारियों ने विरोध जताया और फिर उसे आग के हवाले कर दिया है। राज्य में हालत को देखते हुए पुलिसबल को तैनात कर दिया गया है। वहीं प्रदर्शनकारियों ने राजधानी ईटानगर में पुलिस वाहन समेत 60 से ज्यादा गाड़ियों को आग लगा दी है। राज्य में हालत बिगड़ रहे हैं। राज्य में बाहर के 6 समुदायों को स्थायी निवासी होने का सर्टिफिकेट देने के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। जिसके कारण राज्य का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।
असल में ये छह समुदाय मूल रूप से राज्य के रहने वाले नहीं है। लिहाजा अन्य समुदाय उन्हें मूल निवासी का प्रमाण पत्र देने का विरोध कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक दोपहर करीब एक बजे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने डिप्टी सीएम चौने मेन के बंगले पर धावा बोल दिया और वहां आग लगा दी। इसके साथ ही डिप्टी सीएम की एक गाड़ी को भी प्रदर्शनकारियों ने जला दिया है। हालांकि इस मौके पर डिप्टी सीएम अपने बंगले में नहीं थे। उधर जानकारी मिली है कि राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के घर के बार आईटीबीपी के जवानों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई है। वहीं राज्य के पर्यावरण एवं वन मंत्री नबाम रेबिया के घर पर भी आग लगाए जाने की खबर मिल मिल रही है। नबाम रेबिया पीआरसी जॉइंट पॉवर हाई कमेटी के चेयरमैन भी हैं।
राज्य मे इस समुदाय के बढ़ते विरोध और दबाव के कारण डिप्टी सीएम को ईटानगर से नामसाई जिले में शिफ्ट किया गया। जिसके कारण उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा। गौरतलब है कि शुक्रवार को विरोध कर रहे व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद ईटानगर में तनाव बढ़ गया है। राज्य के बिगड़ते हुए हालत को देखते हुए आईटीबीपी के जवान लगातार पैट्रोलिंग कर रहे हैं ताकि राज्य मे कानून व्यवस्था बनी रहे। जॉइंट हाई पॉवर कमिटी ने सभी स्टेकहोल्डर्स से बातचीत के बाद छह समुदायों को प्रमाण पत्र देने की सिफारिश की थी। लिहाजा इसका राज्य में लगातार विरोध रहा है। ये छह समुदाय राज्य के मूल निवासी नहीं हैं और वर्तमान में नामसाय और चांगलांग जिलों में रह रहे हैं।
Last Updated Feb 24, 2019, 5:05 PM IST