पिछले दिनों राज्य के सीएम उद्धव ठाकरे ने पीएम नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के बात किया था कि सीएए और एनपीआर को लेकर जनता को घबराने की जरूरत नहीं है। इसके बाद अब सीएए और एनपीआर को लेकर शिवसेना के सुर बदल गए हैं। पवार ने कहा कि सीएए और एनपीआर को लागू करने के बाद किसी की नागरिकता नहीं छीनी जा सकती है। पवार ने कहा कि फिलहाल राज्य में बिहार फॉर्मूला लागू करने की जरूरत नहीं है।
मुंबई। महाराष्ट्र में नागरिकता संसोधन कानून को लागू करने को लेकर राज्य में सत्ताधारी दलों की स्थिति अभी साफ नहीं है। कुछ दिनों तक विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने के लिए शिवसेना पर दबाव बनाने वाली एनसीपी अब भाजपा के साथ सुर में सुर मिला रही है। एनसीपी नेता अजीत पवार ने सीएए का बचाव करते हुए कहा इसके खिलाफ महाराष्ट्र विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने की जरूरत नहीं है। हालांकि कांग्रेस इस पर विधानसभा से प्रस्ताव पारित करना चाहती है।
हालांकि पिछले दिनों राज्य के सीएम उद्धव ठाकरे ने पीएम नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के बात किया था कि सीएए और एनपीआर को लेकर जनता को घबराने की जरूरत नहीं है। इसके बाद अब सीएए और एनपीआर को लेकर शिवसेना के सुर बदल गए हैं। पवार ने कहा कि सीएए और एनपीआर को लागू करने के बाद किसी की नागरिकता नहीं छीनी जा सकती है। पवार के मुताबिक फिलहाल राज्य में बिहार फॉर्मूला लागू करने की जरूरत नहीं है। हालांकि राज्य में भाजपा इस प्रस्ताव का काफी पहले से विरोध कर रही है और उसका कहना है कि शिवेसना पर कांग्रेस और एनसीपी का दबाव है। फिलहाल पवार के फैसले के बाद राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मुश्किलें कम हुई है। क्योंकि इससे पहले ठाकरे इस मामले को लेकर सहयोगी दलों के दवाब में थे।
हालांकि अभी तक कांग्रेस इसके लिए विधानसभा से प्रस्ताव पारित करना चाहती है। क्योंकि इसके जरिए वह अल्पसंख्यकों को संदेश देना चाहती वह उनके साथ है। फिलहाल कांग्रेस शासित राज्य सरकारें इसके लिए प्रस्ताव पारित कर चुकी हैं। लिहाजा महाराष्ट्र में भी कांग्रेस इसके लिए उद्धव ठाकरे सरकार पर दबाव बना रही है। गौरतलब है कि राज्य में शिवसेना की अगुवाई में सरकार बनाने में अजीत पवार ने अहम भूमिका निभाई थी और वह उद्धव ठाकरे सरकार में ताकतवर मंत्री माने जाते हैं।
Last Updated Mar 2, 2020, 5:45 AM IST