पटना। बिहार में राज्य  सरकार ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव समेत 92 नेताओं पर मामला दर्ज किया है। राज्य सरकार आरोप है कि इन लोगों ने कोरोना लॉकडाउन में नियमों को तोड़ा। फिलहाल तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार सरकार पर अपना हमला तेज कर दिया। पुलिस का कहना है कि तेजस्वी विपक्षी पार्टी के कई अन्य नेताओं के साथ गोपालगंज तक मार्च करने की कोशिश की और  लॉकडाउन मानदंडों का उल्लंघन किया है।

असल में राज्य में इस साल चुनाव होने हैं और विपक्षी दल किसी भी हाल में राज्य सरकार को जनता के कठघरे में खड़ा करना चाहते हैं। वहीं कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन में राजनीति का मौका नहीं मिल रहा है। लिहाजा विपक्षी दल राज्य में छोटे से छोटे मुद्दे को उठाकर राज्य सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल लॉकडाउन के नियमों को तोड़ने के लिए राज्य सरकार ने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और उनकी मां राबड़ी देवी, भाई तेज प्रताप यादव, और राजद के राज्य इकाई के अध्यक्ष जगदानंद सिंह समेत 92 नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

पिछले दिनों राज्य में राजद नेता जेपी यादव पर हमले और पिछले सप्ताह उनकी मां, पिता और भाई की हत्या के विरोध में शुक्रवार को राजद ने गोपालगंज में मार्च निकालने का प्रयास किया।  हालांकि सरकार ने इसके लिए अनुमति नहीं दी।  उसके बावजूद विपक्षी दल ने मार्च निकालने के कोशिश की। जिसके बाद पुलिस ने इन नेताओं पर सूचना रिपोर्ट (प्राथमिकी) दर्ज की है। शनिवार को तेजस्वी यादव ने आरोप दोहराया कि नीतीश कुमार ट्रिपल मर्डर केस में जद (यू) के विधायक शामिल थे। तेजस्वी ने कहा कि आप(नीतीश कुमार) मेरे और मेरे पार्टी के नेताओं के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करके हमें नहीं डरा सकते हैं तो आप भ्रम में जी रहे हैं। जब तक आपका पसंदीदा आपराधिक विधायक गिरफ्तार नहीं किया जाता है तब तक हम आराम नहीं करेंगे। उधर राजद ने जद (यू) नेता अमर नाथ पांडे की गिरफ्तारी के लिए गुरुवार तक का अल्टीमेटम दिया था और कहा था कि वह पांडे के नहीं होने पर गोपालगंज जाएंगे और मार्च निकालेंगे।