माना जा रहा है कि आगामी 13 फरवरी सभी विपक्षी दल इस बैठक में शामिल होंगे। विपक्षी दल जेएनयू हिंसा, सीएए और एनआरसी समेत कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे और इसके जरिए भाजपा से लड़ने के लिए भूमिका तैयार करेंगे। विपक्षी दलों की नजर दिल्ली विधानसभा चुनाव पर लगी है। क्योंकि दिल्ली के परिणाम भविष्य की कई संभावनाओं की ओर इशारा करेंगे।
नई दिल्ली। केन्द्र की भाजपा सरकार के खिलाफ एकजुट होने के लिए विपक्षी दल अगले महीने दिल्ली में एकत्रित होंगे। ये दल दिल्ली विधानसभा में आने वाले परिणाम के बाद आगे की रणनीति बनाएंगे। ताकि भाजपा को फिर से सत्ता में आने से रोका जाए। असर में राज्यों के विधानसभा चुनाव में लगातार हार रही भाजपा के लिए दिल्ली चुनाव काफी अहम हैं।
दिल्ली में आगामी 8 फरवरी को मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे जबकि 11 तारीख को परिणाम आएंगे। लिहाजा सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने के लिए रणनीति तैयार की जा रही है। इसके लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सभी दलों से बातचीत कर रही हैं। माना जा रहा है कि विपक्ष की इस बैठक में सोनिया गांधी भी शामिल होंगी। माना जा रहा है कि आगामी 13 फरवरी सभी विपक्षी दल इस बैठक में शामिल होंगे। विपक्षी दल जेएनयू हिंसा, सीएए और एनआरसी समेत कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे और इसके जरिए भाजपा से लड़ने के लिए भूमिका तैयार करेंगे।
विपक्षी दलों की नजर दिल्ली विधानसभा चुनाव पर लगी है। क्योंकि दिल्ली के परिणाम भविष्य की कई संभावनाओं की ओर इशारा करेंगे। अगर दिल्ली में भाजपा हारती है तो ये उसके लिए बड़ा झटका होगा अगर भाजपा जीतती है तो ये विपक्ष के लिए बड़ा झटका माना जाएगा। क्योंकि इससे भाजपा की हार पर ब्रेक लेगेगा। माना जा रहा है कि इस बैठक में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल होंगी।
कहा जा रहा है कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' कहकर लगातार विपक्ष पर हमला कर रहे हैं। वहीं दिल्ली और बिहार के बाद अगले साल पश्चिम बंगाल में चुनाव होने हैं। लिहाजा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री राज्य में भाजपा के खिलाफ लड़ने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की पहल कर रही हैं। हालांकि विपक्ष को लग रहा है कि पिछले भाजपा लगातार चुनाव हार रही है और ऐसे में वह एक मजबूत मंच बना सकते हैं।
Last Updated Jan 8, 2020, 8:25 AM IST