नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने कैबिनेट के सहयोगियों से नाराज हैं। इसको लेकर उन्होंने अपनी नाराजगी भी जाहिर कर दी है। असल में पीएम मोदी शीतकालीन सत्र के दौरान प्रश्नकाल से गायब रहने वाले मंत्रियों से नाराज हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में मंत्रियों को पीएम मोदी की ये नाराजगी और ज्यादा महंगी पड़ सकती है।

असल में पीएम मोदी संसदीय कार्य को लेकर काफी संजीदा रहते हैं। यही उम्मीद भी वह अपने सहयोगी कैबिनैट के साथियों से करते हैं।  लेकिन जब संसदीय कार्यवाही के दौरान जब कोई अपने प्रश्नकाल के दौरान सदन में मौजूद नहीं रहता है तो इसका असर सीधे तौर पर सरकार पर उठता है। विपक्षी दल भी इसे बड़ा मुद्दा बनाते हैं। जिसकी जनता में सरकार की किरकिरी होती है। इसी बात से नाराज पीएम मोदी ने अपने कैबिनेट के सहयोगियों को अपनी नाराजगी जताई।

गौरतलब है कि केन्द्र में दूसरी बार भाजपा की सरकार बन जाने के बाद से ही पीएम मोदी ने इसी तरह की नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद पीएम मोदी ने सभी सांसदों की बैठक भी ली थी। जिसमें उन्होंने सदन में जनता से जुड़े ज्यादा से ज्यादा मामलों को उठाने को कहा था। पीएम मोदी ने महिला सांसदों से भी मुलाकात कर महिलाओं से जुड़े मुद्दों को उठाने को कहा था। हालांकि उस वक्त पीएम मोदी ने साफ किया था कि प्रश्नकाल के दौरान जिम्मेदार मंत्री का गायब होना बड़ा मामला है।

केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद पीएम मोदी ने संसद के दोनों सदनों में प्रश्नकाल के दौरान कैबिनेट मंत्रियों की अनुपस्थिति का संज्ञान लिया है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक उन्होंने विशेषकर प्रश्नकाल के दौरान मंत्रियों के संसद में उपस्थित न रहने को बड़ी चिंता का विषय बनाया। पीएम मोदी ने अपने कैबिनेट  के सहयोगियों से साफ कहा है कि प्रश्नकाल एक अवसर होता है जब सरकार लोकहित में उठाए गए कदमों की जानकारी देश को देती है।