नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी फिलहाल संसद के मानसून सत्र में हिस्सा नहीं लेंगे। सोनिया गांधी का स्वास्थ्य खराब चल रहा है और वह मेडिकल टेस्ट के लिए शनिवार को विदेश रवाना हुईं और उनके साथ राहुल गांधी भी गए हैं। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि सोनिया गांधी चिकित्सा जांच के लिए विदेश गई हैं क्योंकि कोरोना महामारी के कारण उनकी जांच टल गई थी। वहीं विदेश जाने से पहले सोनिया गांधी ने संगठन में व्यापक बदलाव को मंजूरी दी।

असल में सोनिया गांधी का स्वास्थ्य काफी दिनों से ठीक नहीं चल रहा है और वह 30 अगस्त को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती हुई थी।  इसके बाद उनकी और कई जांचें विदेश में की जानी थी। लेकिन कोरोना संकट के कारण वह विदेश नहीं जा सकी। लेकिन अब ठीक होते हालत के बाद सोनिया गांधी विदेश गई हैं। वहीं विदेश जाने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल किया और सोनिया  गांधी के खिलाफ आवाज उठाने वाले पार्टी नेता गुलाम नबी आजाद समेत चार वरिष्ठ नेताओं को महासचिव की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया।

वहीं कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति में भी बदलाव कर उसका पुनर्गठन किया। सोनिया गांधी ने सीडब्लूसी में गांधी परिवार के लोगों को जगह दी हैं।  वहीं गांधी परिवार के खिलाफ बगावत करने वाले नेताओं को किनारा किया है। वहीं सोननिया ने गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी और मल्लिकार्जुन खड़गे को महासचिव पद  हटाया है। वहीं कई नेताओं को जगह दी है।  वहीं सोनिया ने 23 नेताओं में शामिल आजाद को महासचिव पद से हटाने के साथ ही उनकी राज्यसभा में ताकत को कम किया है।

सोनिया ने पिछले दिनों ही राज्यसभा के लिए एक समिति का गठन किया है और इसमें अपने करीबी अहमद पटेल को जगह दी है। ये समिति राज्यसभा में लिए जाने वाले फैसलों पर अपनी मुहर लगाएगी जबकि पहले आजाद और आंनद शर्मा ही राज्यसभा के मुद्दों पर फैसला लेते थे। इसके साथ ही सोनिया गांधी ने पार्टी के संगठन एवं कामकाज से जुड़े मामलों के लिए समिति का गठन किया गया है। इस विशेष समिति में एके एंटनी, अहमद पटेल, अंबिका सोनी, केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक और रणदीप सिंह सुरजेवाला को शामिल किया है।