सुप्रीम कोर्ट ने आज कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने राज्य से विधानसभा अध्यक्ष को आदेश दिया है कि वह कर्नाटक के 15 बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लें। हालांकि कोर्ट ने ये भी कहा कि विधानसभा अध्यक्ष पर इस्तीफा लेने के लिए किसी समससीमा में फैसला लेने के लिए दबाव नहीं डाला जाएगा। यही नहीं विधायकों के पक्ष में पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि विधायकों को भी विधानसभा में मौजूद होने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। 

आज सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक में बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला हो गया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विधायकों को राहत तो मिली है साथ ही विधानसभा अध्यक्ष के अधिकारों को भी पूरा सम्मान दिया गया है। अब विधानसभा अध्यक्ष जब चाहें विधायकों के इस्तीफे पर फैसला ले सकते हैं।

लेकिन ये कुमारस्वामी सरकार के लिए भी बड़ा झटका है क्योंकि कोर्ट ने ये भी कहा है कि विधायकों से सदन में मौजूद रहने के लिए दबाव नहीं डाला जा सकता है। जाहिर हैं कि 18 जुलाई को होने वाले विश्वासमत में विधायक सरकार के खिलाफ वोट कर सकते हैं या फिर सदन में मौजूद नहीं रहेंगे।

जिसका असर कुमारस्वामी सरकार पर पड़ेगा। वहीं अब राज्य की कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ गयी है। असल में बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपने इस्तीफे स्वीकार करने के लिए याचिका दी थी। जिसके बाद मंगलवार को कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला आज तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।

हालांकि कुमारस्वामी और विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों की याचिका पर विचार करने के सुप्रीम कोर्ट के अधिकार पर सवाल उठाए थे। वहीं बागी विधायक विधानसभा अध्यक्ष आर रमेश कुमार पर आरोप लगा रहे हैं कि वह बहुमत खो चुकी सरकार को सहारा देने की कोशिश कर रहे हैं।

बागी विधायकों के वकील ने कहा था कि इन विधायकों को व्हिप के आधार पर सदन में उपस्थित रहने से छूट दी जानी चाहिए क्योंकि मौजूदा सरकार अल्पमत में हैं। वहीं सरकार की तरफ से वकील ने कहा कि बागी विधायक सरकार को गिराना चाहते हैं।