कर्नाटक में सियासी रण के बीच राज्य की कुमास्वामी सरकार ने सदन में अपना विश्वासमत पेश कर दिया है। लेकिन आज कुमारस्वामी सरकार को सदन में और बड़ा झटका लगा है। क्योंकि सदन में 15 बागी विधायक ही नदारद नहीं थे बल्कि इन विधायकों की संख्या 19 तक पहुंच गयी है। जाहिर है ऐसे में बहुमत का आंकड़ा जुटाना कुमारस्वामी सरकार से मुश्किलों भरा है। हालांकि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने की बहुमत परीक्षण को टालने की मांग की।

आज सुबह कुमारस्वामी सरकार ने सियासी संकट के बीच सदन में विश्वासमत पेश किया। कुमारस्वामी ने इसे भाजपा की साजिश बताया। हालांकि उन्होंने दावा किया कि वह सरकार बना लेंगे। जबकि हकीकत ये है कि आज सदन में 15 बागी तो मौजूद तो थे ही नहीं बल्कि गायब रहने वाले विधायकों की संख्या 19 तक पहुंच गयी। जिसके बाद सरकार पर संकट के बादल और गहरा गये हैं। हालांकि अभी तक मत विभाजन नहीं हुआ है।

राज्य में एक मनोनीत विधायक समेत कुल 225 सदस्य हैं। आज सदन सीएम कुमारस्वामी ने विश्वास प्रस्ताव पेश किया। बागी विधायकों के गायब रहने के लिए कुमारस्वामी को सरकार बचाने के लिए 106 विधायकों की जरूरत है। जबकि उनके पास विधायकों के समर्थन काआंकड़ा 98 पहुंच गया है। इससे पहले चर्चा के दौरान पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने बहुमत परीक्षण टालने की मांग की है। हालांकि इस माना नहीं गया है।

फिलहाल जानकारी के मुताबिक आज कुमारस्वामी सरकार को समर्थन दे रहे 19 विधायक गैरहाजिर बताए जा रहे हैं। हालांकि ये कहा जा रहा है कि एक कांग्रेस के विधायक श्रीमंत पाटिल मुंबई के अस्पताल में इलाज करा रहे हैं और वह वहां पर भर्ती हैं। जिसके कारण वह मौजूद नहीं रह सके। जबकि बागी 15 विधायक मुंबई के होटल में रूके हुए हैं। उधर कुमारस्वामी ने विधानसभा में कहा कि मैं सदन में इस बात पर चर्चा नहीं करना चाहता कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा। बल्कि मैं ये कहना चाहता हूं कि मैं सदन में बहुमत साबित करूंगा। 

ये विधायक रहे गायब
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के एसटी सोमशेखर, रमेश जरकिहोली, रोशन बेग, बी बासवराज, मुनिरत्ना, श्रीमंत पाटिल, आनंद सिंह, बी नागेंद्र, एमबीटी नागराज, बीसी पाटिल, महेश कुमताहल्ली, डा. बी.सुधाकर, शिवकुमार हेब्बार वहीं निर्दलीय आर शंकर और जेडीएस के गोपालैया, नारायण गौड़ा, एमटीबी, एच विश्वनाथ और बीएसपी के  एन महेश सदन में मौजूद नहीं रहे।