कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी सरकार की आज अग्निपरीक्षा है। हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि आज कर्नाटक के नाटक का अंत हो जाएगा। क्योंकि कुमारस्वामी सरकार के पास सदन में बहुमत नहीं है। लेकिन वह अपनी सभी तरह की कोशिशें कर रहे हैं। कुमारस्वामी आज फिर सदन की कार्यवाही को लंबा खींच सकते हैं। हालांकि सरकार बचाने के लिए ये कोशिशें कितनी कारगर हो पाएंगी इसका पता आज सदन में ही चलेगा।

राज्य में पिछले दो हफ्ते से कुमारस्वामी सरकार पर खतरा मंडराया हुआ है। राज्य सरकार का ये सियासी दंगल राज्यपाल से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। लेकिन इस दंगल में अभी तक ये फैसला नहीं हो सका है कि जीत किसकी हुई है। राज्य में कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में है।

लेकिन उन्होंने अभी तक सदन में अपना बहुमत सिद्ध नहीं किया है। आज वह सदन में अपनी बहुमत सिद्ध करने के लिए वोटिंग का प्रस्ताव दे सकते हैं। हालांकि राज्य के 15 बागी विधायक मुंबई में हैं। वह सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं हैं। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत उन पर ये नियम लागू होता है।

लेकिन आज ये तय हो जाएगा कि कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार रहेगी या गिर जाएगी। आज विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से होना है। मुश्किल दौर से गुजर रही एचडी कुमारस्वामी की अगुआई वाली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के भविष्य का फैसला विधानसभा में होगा।

हालांकि इस बीच हुए नए घटनाक्रम में कल 15 बागी विधायकों और दो निर्दलीय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आज शाम पांच बजे तक विश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने का निर्देश देने की याचिका दायर की है। हालांकि अपनी सरकार बचाने के लिए कुमारस्वामी की कांग्रेस और जेडीएस नेताओं के साथ अहम बैठक हो रही है। वहीं भाजपा नेताओं की भी आगे की रणनीति बनाने को लेकर बेंगलूरू में बैठक चल रही है।


हालांकि मुख्यमंत्री कुमारस्वामी इतनी जल्दी हार मानने को तैयार नहीं है। लिहाजा वह आज भी शुक्रवार की तरह विश्वास मत प्रस्ताव की बहस को लंबा खींच सकते हैं। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस ने बागी विधायकों को लेकर याचिका दाखिल की है।

जिसके तहत उसने कहा कि बागी विधायकों पर व्हिप का आदेश लागू होना चाहिए। क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता है तो इससे संवैधानिक अधिकारों का हनन होगा।  यही नहीं कुमारस्वामी और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर राज्यपाल पर विश्वास मत पर चर्चा के दौरान विधानसभा की कार्यवाही में हस्तक्षेप का आरोप भी लगाया है।

किसने दिया इस्तीफा

राज्य में कांग्रेस और जेडीएस के 15 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। इसमें तीन विधायक जेडीएस के हैं। वहीं दो निर्दलीय विधायकों ने भी कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस लिया है। जिसके बाद राज्य सरकार अल्पमत में आ गयी है।

ये है सदन का गणित

भाजपा के पास सदन में 107 विधायकों का समर्थन है। फिलहाल दो निर्दलीय विधायक भाजपा के साथ आ गए हैं। वहीं राज्य में कुल विधायकों की संख्या 225 है। इसमें कांग्रेस के 78, जेडीएस के 37, बीएसपी एक, और एक अध्यक्ष के अलावा 1 नामित सदस्य है। इस में विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। जिसके तहत कांग्रेस के पास महज 100 विधायकों का समर्थन है। इसमें एक विधायक बीएसपी का भी शामिल है। जबकि सरकार बनाने के लिए 105 की जरूरत है।