बंगलुरू। कर्नाटक में प्रदेश कांग्रेस के पद को लेकर राज्य के दो मजबूत समुदाय लिंगायत और वोक्कालिगा आमने सामने है। कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए महाभारत शुरू हो गया है। कांग्रेस राज्य के समीकरणों को देखते हुए एक भी ताकतवर समुदाय को दरकिनार नहीं करना चाहता है। प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने लिंगायत नेता एमबी पाटिल का नाम आगे बढ़ाया है। लेकिन कांग्रेस आलाकमान पूर्व मंत्री और प्रमुख संकटमोचक माने जाने वाले डीके शिवकुमार को राज्य की बागडोर सौंपने के लिए उत्सुक दिख रहा है। लेकिन वहीं कांग्रेस को डर है कि पार्टी में बगावत न हो जाए।

वर्तमान में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने हाल के उप-चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी हाईकमान को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कांग्रेस विधायक दल के नेता से भी इस्तीफा दिया था। गौरतलब है कि राज्य में दो महीने पहले 15 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 12, कांग्रेस ने दो और एक निर्दलीय ने जीत हासिल की थी।

इसके पीछे माना जा रहा था कि बाहरी नेताओं के कांग्रेस में आने के कारण उसे उप-चुनावों में हार का सामना करना पड़ा हालांकि इस चुनाव की जिम्मेदारी राज्य के पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने उठाई थी और वह पार्टी के प्रमुख प्रचारक के रूप में उभरे थे। दक्षिण कर्नाटक के वोक्कालिगा समुदाय से आने वाले शिवकुमार सात बार से विधायक हैं और वह पार्टी के संकटमोचक माने जाते हैं। राज्य में राज्यसभा चुनाव में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी और  गुजरात सांसदों को कर्नाटक में रखा था। हालांकि पिछले कुछ समय से शिवकुमार की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। क्योंकि आयकर अधिकारियों ने हाल ही में शिवकुमार से जुड़ी संपत्तियों पर छापा मारा था।

कर विभाग की एक शिकायत के आधार पर शिवकुमार को पिछले साल 3 सितंबर को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। हालांकि शिवकुमार से मिलने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तिहाड़ जेल में उनसे मुलाकात की थी। वहीं राज्य के पूर्व गृह मंत्री और लिंगायत नेता 55 वर्षीय पाटिल को सिद्धारमैया का समर्थन हासिल है। गौरतलब है कि राज्य में लिंगायत और वोक्कालिगा कई दशकों से राज्य की राजनीति पर हावी हैं। लिंगायत समुदाय राज्य में 17% है तो वोक्कालिगा 15% हैं। वहीं वोक्कालिगाओं का एक बड़ा हिस्सा वर्षों से एचडी देवगौड़ा की जनता दल (सेकुलर) के पीछे है।