पटना। बिहार में विपक्षी दलों के गठबंधन को छोड़कर तीसरे मोर्चे के गठन का ऐलान करने वाले रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा को एक और झटका लगा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा पहले ही राजद की दामन थामने के बाद अब पार्टी के प्रधान महासचिव माधव आनंद ने पद और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। माना जा रहा है कि वह जल्द ही राजद में शामिल हो सकते हैं।

असल में रालोसपा ने विपक्षी  दलों के महागठबंधन से किनारा कर लिया है। वहीं अब महागठबंधन में  कांग्रेस और राजद के अलावा मुकेश सहानी की वीवीआईपी ही बचे हैं। वहीं दो दिन पहले रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व सांसद भूदेव चौधरी ने पार्टी छोड़कर राजद का दामन थाम लिया था। चौधरी ने राजद ने राबड़ी देवी के आवास पर राजद का दामन थामा और रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा पर जमकर आरोप लगाए। भूदेव चौधरी जदयू से जमुई से सांसद रहे हैं और पिछला लोकसभा चुनाव उन्होंने रालोसपा के टिकट पर लड़ा था लेकिन हार का उन्हें सामना करना पड़ा।  भूदेव चौधरी को रालोसपा में दलित चेहरा माना जाता था।

वहीं दो बड़े नेताओं के किनारा करने के बाद रालोसपा कमजोर हुई है। हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले रालोसपा ने भाजपा और एनडीए से किनारा कर लिया था। लेकिन इसके बाद राज्य में रालोसपा की स्थिति कमजोर होती गई। वहीं अब पार्टी ने तीसरे मोर्चे का गठन कर राजद की अगुवाई वाले महागठबंधनम को चुनौती दी है। गौरतबल है कि एक दिन पहले ही रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने बसपा और जनवादी पार्टी सोशलिस्ट के साथ एक नया मोर्चा बनाने की घोषणा की थी। जबकि इससे पहले महागठबंधन के नेता जीतन राम मांझी ने महागठबंधन से किनारा किया था।  वहीं कयास लगाए जा रहे थे कि राज्य में रालोसपा फिर से एनडीए के साथ जा सकती है।