पटियाला हाउस कोर्ट ने एक-एक लाख रुपये की निजी मुचलके पर आरजेडी सुप्रीमो को जमानत दे दी है। वही कोर्ट ने लालू के बेटे तेजस्वी सहित अन्य को पासपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा बिना उसकी अनुमति के वह विदेश नही जाएंगे।

पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव सहित अन्य की नियमित जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। 

बतादें कि आईआरसीटीसी घोटाला मामले को लेकर सबसे पहले सीबीआई ने आरोप पत्र दायर किया था, इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप पत्र दायर किया। जिसमें लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी,तेजस्वी यादव सहित अन्य को आरोपी बनाया गया था।

हालांकि इस मामले में लालू प्रसाद यादव को छोड़कर राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव सहित अन्य को 31 अगस्त को राहत मिल गई थी। 

ज्ञात हो कि आईआरसीटीसी होटल आवंटन मामले सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर आरोप पत्र में कई अहम सबूत की बात कही गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, पूर्व मंत्री प्रेमचंद गुप्ता, उनकी पत्नी सरला गुप्ता और तत्कालीन एमडी के अलावा अन्य लोगों को आरोपी बनाया है। 
गौरतलब है कि साल 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने रेलवे के पूरी और रांची स्थित बीएनआर होटल के रखरखाव आदि के लिए आईआरसीटीसी को स्थानांतरित किया था। 

सीबीआई के मुताबिक नियमों को ताक पर रख कर  रेलवे का यह टेंडर विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को दिया गया था। सीबीआई का यह आरोप है कि टेंडर दिए जाने के बदले में 25 फरवरी 2005 को कोचर बंधुओ ने पटना के बेली रोड स्थित तीन एकड़ जमीन सरला गुप्ता की कंपनी मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग लिमिटेड को बेच दी। जबकि मार्किट में उसकी कीमत कही ज्यादा थी। 

इस जमीन को खेती की जमीन बताकर सर्कल रेट से काफी कम पर बेच कर स्टाम्प ड्यूटी में गड़बड़ी की गई। बाद में लालू प्रसाद यादव के परिवार की कंपनी लारा प्रोजेक्ट को सिर्फ 65 लाख रुपये में दे दी गई, जबकि उस समय उसकी बाजार में कीमत 94 करोड़ रुपये के आसपास थी।