पटना। राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया  लालू प्रसाद  यादव के जन्म दिन  पर बिहार की राजनीति गर्मा गई है। लालू के जन्मदिन पर उनका एक और बेटा सामने आ गया है और इसका नाम है तरूण यादव। जिसके बाद राज्य की सियासत में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। राज्य की सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड ने दावा किया है कि लालू प्रसाद यादव  ने अकूत संपत्ति  बनाई है और इसमें इसमें तरूण यादव का भी नाम है। लिहाजा चुनाव से पहले राज्य की सियायत में नेताओं के बीच चुनावी बाण जमकर चल रहे हैं। 

 लालू प्रसाद यादव के जन्मदिन पर पटना में कई जगहों पर पोस्टर लगाए गए थे। जिसमें लालू के 73 साल के होने पर उनकी 73 संपत्तियों का जिक्र था। वहीं राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके परिवार पर आरोप लगाया कि उन्होंने गांव के लोगों को नौकरी का झांसा देकर उनकी संपत्ति अपने नाम करवा ली। राज्य की सत्ताधारी जदयू के नेता और कैबिनेट मंत्री ने कहा कि लालू प्रसाद का एक और बेटा है और उसका नाम तरुण यादव है। क्योंकि अभी तक जो संपत्तियां सामने आई हैं और उसमें तरूण यादव का नाम  है और लालू प्रसाद यादव परिवार ने तरुण यादव के नाम पर भी संपत्ति  खरीदी हैं।

उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव के लिए उनकी पार्टी की तरफ से भ्रष्टाचार का यह खुलासा उनके लिए जन्मदिन का तोहफा है। कुमार ने कहा कि लालू प्रसाद के बड़े भाई मंगरू राय थे और लालू के पुत्र तेज प्रताप ने उनके नाम पर आठ कट्ठा 17 धूर जमीन की रजिस्ट्री कर रही और ये रजिस्ट्री चार नवम्बर 2003 को हुई। उन्होंने कहा कि रेल मंत्री बनने के बाद लालू प्रसाद ने अपने  कई रिश्तेदारों को जमीन के बदले में नौकरी दी। इन संपत्तियों में तरुण कुमार यादव पिता लालू प्रसाद यादव के नाम दर्ज है। उन्होंने दावा किया कि  तरुण यादव कोई और नहीं तेजस्वी यादव है। क्योंकि 1993 में जब तेजप्रताप छोटे थे उनका नाम फुलवरिया में जमीन की रजिस्ट्री हुई। इसमें खरीददार में तेज प्रताप के साथ ही तरुण यादव का भी नाम शामिल है।

पटना में लगे 'लालू परिवार का संपत्तिनामा', '73वें जन्मदिवस पर 73 संपत्ति

राज्य की राजधानी पटना में लालू प्रसाद यादव के जन्मदिन पर लालू विरोधियों ने 'लालू परिवार का संपत्तिनामा', '73वें जन्मदिवस पर 73 संपत्ति, श्रृंखला' के पोस्टर चिपकाए।  जिसमें लालू और उनके परिवार के सदस्यों की 73 संपत्तियों का जिक्र किया गया है।  पोस्टर में दाा किया गया है कि ये संपत्तियां लालू और उनके परिवार की हैं और उन्होंने अपने रिश्तेदारों को नौकरी देने के ऐवज में हासिल की है।