पटना। बिहार में चुनाव से पहले सियासी उथल पथल होने जा रही है  और माना जा रहा है कि राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के चाणक्य कहे जाने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह नीतीश कुमार का दामन थामेंगे। बिहार राजद ने नेता तेजस्वी यादव रघुवंश प्रसाद सिंह को मनाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन रघुवंश जदयू का दामन थामने का मन बना चुका है। अगर रघुवंश प्रसाद सिंह जदयू में जाते हैं तो ये राजद के लिए बड़ा झटका होगा।

कहा जा रहा है कि रघुवंश प्रसाद सिंह पार्टी के भीतर चल रहे मौजूदा हालत को लेकर नाराज हैं। पार्टी में वरिष्ठ नेताओं को किनारे किया जा रहा है और बाहर ने आने वाले नेताओं को तरजीह दी जा रही है। वहीं रघुवंश प्रसाद सिंह राज्य में उन नेताओं में हैं जो विपक्षी दलों के महागठबंधन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शामिल करने के पक्षधर रहे हैं। वहीं रघुवंश प्रसाद सिंह लोक जनशक्ति पार्टीके पूर्व सांसद रामा सिंह को राजद में शामिल कराने की तेजस्वी यादव की कोशिशों को लेकर खासे नाराज हैं।  

राज्य में चर्चा है कि तेजस्वी अपनी मौजूद सीट को सुरक्षित रखने के लिए रामा  सिंह को पार्टी में शामिल करा रहे हैं। वहीं रामा सिंह ने 2014 के लोकसभा चुनाव में रघुवंश प्रसाद सिंह को हराया था। जिसके बाद रघुवंश सिंह का रामा सिंह के साथ छत्तीस का आंकड़ा माना जाता है। पिछले दिनों ही रामा सिंह की एंट्री राजद में होनी थी। लेकिन रघुवंश प्रसाद की नाराजगी के कारण वह पार्टी में शामिल नहीं हो सके और तेजस्वी रामा सिंह को पार्टी में शामिल कराने का फैसला कर चुके हैं। लिहाजा जून में ही रघुवंश प्रसाद सिंह पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।

बताया जा रहा है कि रघुवंश प्रसाद सिंह 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद से पार्टी में राजनीतिक तौर पर हाशिए पर हैं और इस साल उन्हें लग रहा था कि पार्टी उन्हें राज्यसभा भेजेगी। लेकिन लालू प्रसाद यादव ने अमरेंद्र धारी सिंह और प्रेमचंद गुप्ता को राज्यसभा भेजा।  लिहाजा रघुवंश प्रसाद सिंह इस बात को लेकर भी नाराज है। एक मीडिया संस्थान से बातचीत में रघुवंश ने कहा कि एक बार जो फैसला कर लिया तो उससे पीछे नहीं हट सकते हैं।