नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने राज्यसभा में भी एक बार फिर विपक्षी दलों की एकता को धता बता दिया है। राज्यसभा में पेश हुए बिल के पक्ष में 125 मत पड़े जबकि इसके खिलाफ 105 मत पड़े। लिहाजा ये बिल राज्यसभा में पास हो गया है। लेकिन सबसे ज्यादा चौंकाने वाला शिवसेना का कदम रहा।

शिवसेना ने लोकसभा में सरकार का साथ देकर कांग्रेस को झटका दिया था। उसी तरह उसने फिर राज्यसभा में बिल के खिलाफ मत न देकर केन्द्र सरकार को मदद पहुंचायी। क्योंकि शिवसेना और बसपा ने राज्यसभा में इसके बिल के खिलाफ वॉकआउट किया। राज्यसभा में शिवसेना का स्टैंड न तो सरकार के पक्ष में था तो  विपक्ष के पक्ष था। लेकिन सदन से वॉकआउट कर उसने केन्द्र सरकार को एक तरह से मदद ही पहुंचाई।

जबकि लोकसभा में इस बिल का विरोध करने वाली बसपा ने भी बिल के समर्थन में अपना वोट तो नहीं दिया लेकिन उसने भी सदन से वॉक आउट किया। जिसके कारण कारण की मुश्किलें बढ़ गई और राज्यसभा में सदस्यों की संख्या के आधार पर बिल पारित हो गया। कुल मिलाकर शिवसेना और बसपा ने एक तरह से केन्द्र सरकर को ही मदद पहुंचाई। हालांकि इस बिल के लिए वोटिंग से पहले इसे सेलेक्ट कमिटी के पास भेजने के लिए मतदान हुआ

लेकिन ये वहां पर गिर गया क्योंकि इसके पक्ष  में 124 सांसदों ने वोट किया जबकि विपक्ष को 99 वोट मिले। अब बिल के पारित हो जाने के बाद अब इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा और उसके वहां से मंजूरी मिल जाने के बाद ये कानून बन जाएगा। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया ने इस बिल के राज्यसभा से पास हो जाने बात कहा कि ये काला दिन है तो भाजपा ने कहा कि ये ऐतिहासिक दिन है।