देहरादून। उत्तराखंड के दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत यानी हरदा ने सनसनीखेज बयान दिया है। हरदा ने कहा कि कुछ ताकतें हैं जो उन्हें मिटा देना चाहती हैं। लेकिन वह खत्म नहीं होंगे। असल में हरदा का इशारा किस तरह था ये साफ नहीं है। क्योंकि उनके निशाने पर उनकी पार्टी के कुछ नेता भी हैं और दूसरी तरफ स्टिंग मामले में उनके खिलाफ सीबीआई जांच भी चल रही है।

पूर्व सीएम हरीश रावत ने वर्तमान समय को अपने राजनीतिक करियर की सबसे चुनौतीपूर्ण घड़ी करार दिया है। फिलहाल स्टिंग मामले में हरीश रावत के खिलाफ सीबीआई ने प्रारंभिक जांच पूरी कर ली है और जल्द ही इस मामले में चार्जशीट दाखिल हो सकती है। जिसके बाद हरदा की मुश्किलें बढ़ सकती है।

लिहाजा हरदा को समझने वाले ये कह रहे हैं कि उनका इशारा सीबीआई की तरफ है। लेकिन कुछ जानकारों का कहना है कि हरदा मझे हुए खिलाड़ी हैं और पार्टी में पिछले कुछ समय से राज्य के नेता उन्हें अलग करने में जुटे हुए हैं। लिहाजा हो सकता है कि हरदा का इशारा उस तरफ हो। पिछले दिनों राज्य सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन में हरीश रावत को मंच पर बैठने के साथ साथ बोलने की भी जगह नहीं मिली। लेकिन रावत अपने समर्थकों के साथ जमीन पर ही बैठ गए। जिसके बाद पूरा मीडिया का फोकस उनकी तरफ हो गया।

इससे राज्य में कांग्रेस मे गुटबाजी उभर कर आ गई। असल में राज्य में प्रीतम सिंह को अध्यक्ष बनाने के बाद हरीश रावत को कांग्रेस ने राष्ट्रीय राजनीति उतारा और उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाकर असम का प्रभारी नियुक्त किया था। लेकिन राज्य का मोह रावत अभी तक नहीं छोड़ सकें। लेकिन राज्य के नेताओं के अलग अलग गुट होने के कारण कोई नहीं चाहता है कि रावत राज्य की राजनीति में फिर सक्रिय हों। क्योंकि उनके सक्रिय होने से कई नेताओं की राजनीति खत्म हो जाएगी।