नई दिल्ली। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने देश के सबसे बड़े राजनैतिक परिवार गांधी परिवार के तीन लोगों की सबसे खतरनाक और सुरक्षित माने जाने वाली एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली है। अब गांधी परिवार के सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को जेड प्लस के साथ ही सीआरपीएफ की सुरक्षा मिलेगी। फिलहाल कांग्रेस पार्टी ने इसे मोदी सरकार की तानाशाही बताया है और कहा कि वह बदले की कार्यवाही के तहत ऐसा कर रही है।

असल में केन्द्र सरकार जिन लोगों को सुरक्षा देती है, उनके ऊपर होने वाले हमले और उनके खतरे को देखते हुए उन्हें नेताओं और व्यक्तियों को सुरक्षा मुहैया कराती है। जिन व्यक्तियों को सुरक्षा मुहैया कराने के बाद उसकी समीक्षा की जाती है और उसी आधार पर सुरक्षा प्रदान की जाती है। लिहाजा केन्द्र सरकार ने गांधी परिवार से सुरक्षा समीक्षा के आधार पर की मिली सुरक्षा को हटाकर उन्हें जेड प्लस की सुरक्षा प्रदान की है।

लोकसभा चुनाव से पहले केन्द्र सरकार ने करीब 275 से ज्यादा नेताओं की सुरक्षा की समीक्षा करने के बाद उनकी सुरक्षा में कटौती की थी। हालांकि कुछ की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया था। गौरतलब है कि पिछले दिनों ही केन्द्र सरकार ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की भी सुरक्षा में कटौती की थी और जिसे कांग्रेस ने बड़ा मुद्दा बनाया था। वहीं सरकार का कहना था कि ये एक नियमित प्रक्रिया है। असल में जब से एसपीजी का गठन हुआ है इसके दायरे में पीएम के साथ ही गांधी परिवार रहता है।

यहां तक कि जब पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या हुई थी ठीक उससे कुछ दिन पहले उनकी एसपीजी सुरक्षा को केन्द्र सरकार ने वापस लिया था। अगर देखें तो पिछले साढ़े तीन दशक से गांधी परिवार को एसपीजी की सुरक्षा मिली है। वहीं कांग्रेस सरकार के दौरान केन्द्र सरकार ने प्रियंका गांधी वाड्रा के पति राबर्ट वाड्रा को भी एसपीजी की सुरक्षा दी थी।

हालांकि केन्द्र में मोदी सरकार आने के बाद उसे हटा दिया गया था। बहरहाल केन्द्र सरकार ने साफ किया है कि गृह मंत्रालय की एक उच्चस्तरीय बैठक में गांधी परिवार की सुरक्षा को लेकर अहम फैसला लिया गया है। वहीं अब कांग्रेस के इन तीनों नेताओं को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी।  फिलहाल अब केन्द्र सरकार के इस फैसले के बाद महज प्रधानमंत्री को ही एसपीजी की सुरक्षा मिलेगी।