चंडीगढ़। हरियाणा सरकार में भाजपा की सहयोगी जननायक जनता पार्टी में बगावत हो गई है। दो महीने पहले ही जेजेपी ने राज्य में 11 सीटें जीत कर सबको चौंका दिया और अब पार्टी के विधायक रामकुमार गौतम की बगावत कर राज्य में सियासी बहस छेड़ दी है। हालांकि दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अभी तक गौतम का इस्तीफा नहीं मिला है लेकिन माना जा रहा कि गौतम मंत्री न बनाए जाने से नाराज हैं।

दो दिन पहले ही हरियाणा में जेजेपी के विधायक रामकुमार गौतम ने पार्टी से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है। गौतम राज्य के दिग्गज नेता माने जाते हैं और वह पहले भाजपा के विधायक हुआ करते थे, लेकिन पार्टी द्वारा टिकट काटे जाने के बाद उन्होंने जेजेपी का दामन थाम लिया और जीतकर विधायक बने। गौतम को लगा था कि उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी। लेकिन चौटाला ने उन्हें मंत्री नहीं बनाया है। जबकि भाजपा और जेजेपी जो समझौता हुआ है उसके मुताबिक जेजेपी जिसे चाहे उसे मंत्री बना सकती है।

यही नहीं चौटाला में राज्य में उपमुख्यमंत्री हैं और उनके पास 11 विभाग हैं। जबकि इसके अलावा पार्टी ने एकमात्र अन्य विधायक को मंत्री बनाया है। जिसको लेकर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामकुमार गौतम ने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि गौतम ने पार्टी नेतृत्व और चौटाला के खिलाफ जमकर गुस्सा निकाला जबकि दुष्यंत चौटाला नरम बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें गौतम का इस्तीफा नहीं मिला है और उनकी जो भी नाराजगी है उसे पार्टी दूर करेगी।

लेकिन गौतम की बगावत से इतना तय हो गया है कि जेजेपी में सबकुछ सही नहीं चल रहा है। क्योंकि पार्टी के विधायक मंत्री पद की आस लगाए हुए थे। लेकिन महज एक विधायको को कैबिनेट में शामिल किया गया है। वहीं चौटाला के पास 11 विभाग हैं। जिसको लेकर पार्टी के विधायकों में भी खासी नाराजगी है। हालांकि गौतम के अलावा कोई अन्य विधायक खुलकर नहीं आया है। लेकिन गौतम की बगावत आने वाले दिनों में पार्टी को महंगी पड़ सकती है।