रघुवंश प्रसाद सिंह ने फेसबुक पर अपनी चिट्ठी को पोस्ट करते हुए नीतीश कुमार से तीन मांगों को पूरा करने गुजारिश की है। हालांकि अभी तक रघुवंश प्रसाद सिंह ने जदयू में जाने का ऐलान नहीं किया है। लेकिन माना जा रहा है कि जदयू नेतृत्व से उनकी बातचीत चल रही है और इसके बाद ही उन्होंने राजद से इस्तीफा दिया है।
नई दिल्ली। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह राष्ट्रीय जनता दल से नाता तोड़ लिया है। हालांकि वह किस दल में जाएंगे इस बात का खुलासा उन्होंने नहीं किया है। उन्हें मनाने के लिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा कि रघुवंश प्रसाद कहीं नहीं जाएंगे। इसकी बीच रघुवंश प्रसाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक चिट्ठी लिखी है। उन्होंने राज्य की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड से मांग की है कि वह भगवान बुद्ध के भिक्षापात्र को अफगानिस्तान की राजधानी काबूल से मंगाए।
रघुवंश प्रसाद सिंह ने फेसबुक पर अपनी चिट्ठी को पोस्ट करते हुए नीतीश कुमार से तीन मांगों को पूरा करने गुजारिश की है। हालांकि अभी तक रघुवंश प्रसाद सिंह ने जदयू में जाने का ऐलान नहीं किया है। लेकिन माना जा रहा है कि जदयू नेतृत्व से उनकी बातचीत चल रही है और इसके बाद ही उन्होंने राजद से इस्तीफा दिया है। रघुवंश प्रसाद सिंह ने नीतीश कुमार से गणतंत्र भूमि वैशाली में झंडोत्तोलन करने और भगवान बुद्ध के भिक्षापात्र को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से मंगवाने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने मनरेगा कानून में आम किसानों की जमीन में काम करने का संशोधन अध्यादेश लाने की मांग की है।
उन्होंने इस अध्यादेश को जल्द ही लागू करने की मांग की है। क्योंकि राज्य में कभी भी चुनाव आयोग विधानसभा का ऐलान कर सकता है। उन्होंने लिखा है कि मुख्यमंत्री 15 अगस्त को पटना में और 26 जनवरी को वैशाली में राष्ट्रध्वज फहराए। उन्होंने लिखा कि वर्ष 2000 के पहले (झारखंड बंटवारे) 26 जनवरी को रांची में झंडोत्तोलन होता था। असल में रघुवंश प्रसाद सिंह राजद नेतृत्व से काफी पहले से नाराज चल रहे थे। लालू प्रसाद यादव के जेल जाने के बाद पार्टी की कमान तेजस्वी यादव के हाथ में आ गई थी। जिसके बाद पार्टी में वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार किया जा रहा था और इससे नाराज होकर उन्होंने इस्तीफा दिया है।
Last Updated Sep 11, 2020, 7:01 PM IST