नई दिल्ली। अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत की मौत के बाद अब अमेरिकी पुलिस  और श्वेत अश्वेतों के पैर धो रहे हैं। ताकि ये संदेश जाए कि अमेरिका में नस्लवाद नहीं है। फ्लॉयड की मौत ने पूरे अमेरिका को झकझोर दिया है और वहां पर जमकर हिंसा भी हुई है। यही नहीं वहां नस्लभेद के खिलाफ जगह-जगह हिंसक प्रदर्शन हुए हैं। हालांकि अभी हालत सामान्य हो रहे हैं। वहीं शांति स्थापित  करने और दुनिया को संदेश देने के लिए पुलिस अश्वेत प्रदर्शनकारियों बैठा कर उनके पांव धो रही है। मीडिया के मुताबिक पुलिस का कहना है कि हम इसके जरिए ये संदेश देना चाहते हैं कि वह नस्ल भेद के खिलाफ हैं।


फिलहाल ये तस्वीर अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना से एक तस्वीर सामने आई है। जहां पुलिस शांति के लिए कार्य कर रहे सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर विरोध जता रहे अश्वेतों के पैर धो रहे हैं। उनका कहना है इसका मकसद साफ है कि वह नस्लभेद के खिलाफ हैं और इंसानियत सबसे बड़ी है।

अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत ने कोरोना संकट के बीच हालत को और ज्यादा बिगाड़  दिया है। अमेरिका में जगह जगह इसके विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। अमेरिका में नस्लभेद के खिलाफ जगह-जगह हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं और इन प्रदर्शनों में हिंसक प्रदर्शन भी हैं। असल में  25 मई को अमेरिका में गिरफ्तारी के दौरान एक अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत हो गई थी। जिसके बाद वहां पर हालत बिगड़ गए थे और हिंसक प्रदर्शन हुए।

 अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद न केवल अमेरिका में विरोध प्रदर्शन हुए बल्कि ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, इटली, ऑस्ट्रेलिया, जापान, डेनमार्क में हजारों की संख्या में लोग विरोध में सड़कों पर उतरे थे। फिलहाल जॉर्ज फ्लॉयड का मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है। वहीं फ्लॉयड के हत्यारे डेरेक चॉविन को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया। वहीं कोर्ट ने बिना शर्त जमानत के लिए डेरेक पर करीब 9.5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।