समूचे राष्ट्र ने अपने चहेते अटल बिहारी वाजपेयी को शुक्रवार को अश्रुपूर्ण विदाई दी। शाम पांच बजे उनका पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनकी पार्थिव देह राष्ट्रीय स्मृति स्थल में पंचतत्व में विलीन हो गई। मुखाग्नि दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य ने दी। हजारों की भीड़ अपने प्रिय नेता के अंतिम दर्शन को उमड़ी। इस दौरान भावुक खड़े उनके प्रशंसक 'अटल बिहारी अमरे रहें' के नारे लगाते रहे। नातिन निहारिका ने वाजपेयी के पार्थिव शरीर पर से तिरंगा ग्रहण किया। यह वह पल था जिसमें बेटी, नातिन और परिवार के लोग ही नहीं स्मृति स्थल पर मौजूद हर चेहरा गमगीन नजर आया। 

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वाजपेयी के अंतिम संस्कार देश विदेश के कई राजनेता भी शरीक हुए। भूटान नरेश जिग्मे नामग्याल वांगचुक और अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई भी वाजपेयी को श्रद्धासुमन अर्पित करने स्मृति स्थल पहुंचे। बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका के विदेश मंत्री और पाकिस्तान के प्रतिनिधि भी वाजपेयी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए।  

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लगभग सभी केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल भी वाजपेयी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को स्मृति स्थल पर जरूरी व्यवस्थाएं करते देखा गया। अंतिम संस्कार के समय स्मृति स्थल पर दस हजार से ज्यादा लोग उपस्थित थे। इससे पहले स्मृति स्थल पर पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को सेना प्रमुख विपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा और एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने श्रद्धांजलि अर्पित की। 

वाजपेयी के पार्थिव शरीर को शुक्रवार सुबह उनके आधिकारिक आवास 6ए कृष्ण मेनन मार्ग से भाजपा मुख्यालय लाया गया। यहां भाजपा लगभग सभी नेताओं ने वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को राष्ट्रीय स्मृति स्थल ले जाया गया। पीएम मोदी वाजपेयी की पार्थिव देह को ले जा रहे वाहन के पीछे चल रहे थे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी उनके साथ-साथ थे।

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उमस भरी गर्मी के बावजूद हजारों की संख्या में लोग 7 किलोमीटर लंबे मार्ग पर दोनों तरफ अपने प्रिय नेता के अंतिम दर्शनों के लिए खड़े थे। जिस मार्ग से वाजपेयी की अंतिम यात्रा गुजर रही थी, वहां भारी सुरक्षाबल तैनात किए गए थे। लंबी बीमारी के बाद वाजपेयी का 93 वर्ष की आयु में गुरुवार शाम को एम्स में निधन हो गया था।