कोलकाता। पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव  से पहले पहले सेमीफाइल होगा। ये नगर पालिका चुनाव राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा के लिए एक तस्वीर बयां करेगा और उसी आधार पर  राजनैतिक दल अगले साल के लिए अपनी रणनीति बनाएंगे। माना जा रहा है कि इन चुनावों में भाजपा की तरफ से पूरी जिम्मेदारी कभी ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले मुकुल रॉय को दी जाने की तैयारी है। जो बंगाल का भाजपा का बड़ा चेहरा माने जाते हैं।

अप्रैल में होने वाले राज्य में नगरपालिका चुनावों के लिए भाजपा और टीएमसी ने अभी से तैयारी कर ली है। इसे राज्य के विधानसभा से पहले सेमीफाइनल माने जा रहे हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि रॉय की तीसरी बार चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक के रूप में नियुक्ति की गई है। क्योंकि मुकुल राय टीएमसी में रहे हैं और उसकी आक्रामक नीतियों को अच्छी तरह से जानते हैं। वहीं वह राज्य में प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के बाद बड़ा चेहरा माने जाते हैं।

असल में पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन चौंकाने वाला रहा। भाजपा के प्रदर्शन के कारण टीएमसी राज्य में भाजपा पर आक्रामक है। वहीं उपचुनाव में भाजपा कोई खास करिश्मा नहीं दिखा सकी थी। लेकिन भाजपा को नगर पालिका चुनावों में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। लिहाजा पार्टी ने 2020 के नगर निगम चुनावों के लिए मुकुल राय को भाजपा की प्रबंधन समिति का संयोजक बनाया गया। राज्य में कोलकाता नगर निगम सहित 100 से अधिक नगर निकाय हैं।

कभी ममता बनर्जी के करीबी रहे मुकुल रॉय नवंबर 2017 में भाजपा में शामिल हुए और तीन महीने के बाद भाजपा ने उन्हें पंचायत चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाया।  असल में राय को इस पद पर नियुक्त करने के पीछे भाजपा की बड़ी रणनीति है। क्योंकि टीएमसी में एक बड़ा गुट स्थानीय स्तर पर पार्टी से नाराज है। लिहाजा असंतुष्ट टीएमसी नेताओं की पहचान करने के लिए रॉय से बेहतर कोई व्यक्ति नहीं हो सकता है। मुकुल रॉय की वजह से ही कोलकाता के पूर्व टीएमसी मेयरों और आसपास के बिधान नगर नगर निगमों ने 2018 में बीजेपी का दामन थामा।