केरल के पार्टी प्रवक्ता रहे टॉम वडक्कन का बीजेपी में शामिल होना कांग्रेस के लिए झटका तो है ही। लेकिन यह यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी का निजी नुकसान भी है। क्योंकि टॉम वडक्कन उनके निजी सचिव के तौर पर काम कर चुके हैं। 

दरअसल टॉम वडक्कन पिछले दिनो भारत पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी के रवैये से दुखी थे।  उन्होंने बीजेपी में शामिल होने के बाद बयान दिया कि ‘जब पाकिस्तानी आतंकवादी भारत में हमले करते हैं तो उनकी  पार्टी (कांग्रेस) की प्रतिक्रिया से उन्हें उदासी होती थी और इससे वे अंदर तक आहत होते थे, उन्होंने कहा कि अगर राजनीतिक दल ऐसा स्टैंड ले जो देश के खिलाफ हो तो उनके पास उस राजनीतिक दल को छोड़ने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है’।

टॉम वडक्कन ने कांग्रेस पार्टी को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि ‘सेना को लेकर कांग्रेस के स्टैंड से वे काफी दुखी थे और भारी मन से पार्टी छोड़ने का फैसला लिया।  देशप्रेम से किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है।’

टॉम वडक्कन पार्टी के वंशवाद से भी दुखी दिखे। उन्होंने कहा कि ‘कांग्रेस में यूज एंड थ्रो कल्चर है और मुझे यह स्वीकार्य नहीं है। मैंने अपने जीवन के 20 साल कांग्रेस को दिये, लेकिन पार्टी में वंशवाद हावी होता जा रहा है’।

टॉम वडक्कन का कांग्रेस छोड़ना एक तरह से नए अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल है। क्योंकि टॉम सोनिया गांधी के बेहद करीबी माने जाते थे। वह सालों तक उनके निजी सचिव के तौर पर काम कर चुके हैं। 

जैसे जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे वैसे कांग्रेस पार्टी को छोड़कर जाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। दो दिन पहले महाराष्ट्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुजय विखे पाटिल ने भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। 

 सुजय महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल के बेटे हैं और पेशे से न्यूरोसर्जन हैं।

गुजरात में भी कांग्रेस से नाराज विधायक लगातार पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं।  पिछले एक सप्ताह के अंदर पार्टी के तीन विधायकों ने अलविदा कह दिया।