देशभर में लोकपाल की वकालत कर सुर्खियों में आए आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब खुद की लोकपाल कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं. केजरीवाल ने अभी तक अपने और अपने परिवार के संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है. यही नहीं केजरीवाल के साथ ही उनके विधायकों ने अपनी संपत्ति भी घोषित नहीं की है. लिहाजा अब लोकायुक्त केजरीवाल और उनके विधायकों से अपनी संप्तित की ब्योरा देने का कहा है.

अन्ना आंदोलन के दौरान जिस लोकपाल कानून की वकालत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कर रहे थे. अब वही केजरीवाल को लोकपाल नियमों की कोई परवाह नहीं है. अभी तक केजरीवाल और उनके विधायकों ने अपनी संपत्ति को घोषित नहीं किया है.जबकि नियमों के मुताबिक इसकी घोषणा की जानी अनिवार्य है. यहां तक की सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों ने अपनी सम्पत्तियों का ब्यौरा पब्लिक डोमेन में डाला है. जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपनी और अपनी पार्टी के विधायकों के संपत्तियों का ब्यौरा ना ही सरकार में जमा कराया और ना ही इंटरनेट पर डाल कर जनता को उपलब्ध करवाया जो गैरकानूनी है.

इस बारे में दिल्ली के वकील और आरटीआई एक्टिविस्ट विवेक गर्ग ने दिल्ली विधानसभा और सरकार में कई आरटीआई के जरिए केजरीवाल और उसके मंत्रियों और विधायकों की संपत्तियों का ब्यौरा मांगा. तो चौकाने वाला खुलासा हुआ कि दिल्ली सरकार के किसी भी मंत्री और विधायकों ने अपनी सम्पत्ति की घोषणा नहीं की है, बल्कि गैरकानूनी तरीके से दबा रखी है. इस बारे में विवेक ने 9-1-2019 को इस बाबत दिल्ली के लोकायुक्त में एक शिकायत दर्ज करवाई तो मामले की गम्भीरता और कानूनी प्रावधान को ध्यान में रख कर लोकायुक्त ने केजरीवाल समेत दिल्ली के सभी विधायकों को नोटिस का आदेश जारी करते हुए उनकी संपत्ति की जानकारी मांगी है. इसके लिए लोकायुक्त ने 28-01-2019 तक अपना जबाव देने का आदेश दिया है.
 
क्या है लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम..

लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम की धारा-44  और लोक अधिनियम का प्रतिनिधित्व की धारा 75-A के तहत देश के हर सरकारी नौकर को अपनी और अपने परिवार की संपत्ति की घोषणा करनी पड़ती है, जिसके तहत विधायक भी आते हैं.