नई दिल्ली- बिहार में एनडीए की सीटों के बंटवारे की प्रक्रिया में नाराजगी भी सतह पर आने लगी है। केंद्र सरकार में मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने राज्य  के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है। कुशवाहा ने नीतीश और बीजेपी के बीच पिछले सालों आई दरार का हवाला दिया है। 

उपेंद्र कुशवाहा का यह बयान सीटों को लेकर उनकी अप्रत्यक्ष दावेदारी के तौर पर देखा जा रहा है।  नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कुशवाहा ने उनसे पूछा कि उनकी ‘डीएनए' रिपोर्ट क्या है। डीएनए का राग छेड़ कर उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार की दुखती रग पर हाथ रख दिया है। 

उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश से पूछा कि "प्रदेश की जनता आप से यह जानना चाहती है कि आपके 'डीएनए' की रिपोर्ट क्या है और वह आई या नहीं आई। मुजफ्फरपुर में रविवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुशवाहा ने नीतीश से पूछा,‘आपको भले ही जरूरत हो या नहीं लेकिन प्रदेश की जनता आप से यह जानना चाहती है कि आपके 'डीएनए' की रिपोर्ट क्या है और वह आई या नहीं आई। आई तो क्या रिपोर्ट है। जरा बताने का काम कीजिए।"

दरअसल 2015 में बिहार विधानसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार के खिलाफ हमला बोला था। नीतीश और बीजेपी उन चुनावों में दोस्त नहीं आमने-सामने थे। जिक्र डीएनए  का हुआ था, जिसे नीतीश कुमार ने बिहारी अस्मिता का सवाल बताया था। सबकुछ तब सियासी शह-मात को लेकर हुआ। 

वक्त ने करवटी ली तो जेडीयू फिर एनडीए का हिस्सा है। पुराने सहयोगी लोजपा और आरएलएसपी हैं। नीतीश कुमार और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली में मुलाकात के बाद ऐलान कर दिया था कि दोनों दल बिहार में बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में बड़ा स्पष्ट है कि सीट बंटवारे में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी की सीटें घटने जा रही हैं।

माय नेशन के सूत्र बतात हैं कि जेडीयू-बीजेपी 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। बाकी बची सीटों में 5 पर लोक जनशक्ति पार्टी और 1 पर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी चुनाव लड़ेगी। ऐसे में कुशवाहा की बेचैनी बढ़ हैं। क्योंकि मौजूदा लोकसभा में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के तीन सांसद हैं। जिनमें एक पार्टी से नाराज हैं तो लोक जनशक्ति पार्टी के 7 सदस्य हैं। ऐसे में सीटों पर दावा ठोंकने का अप्रत्यक्ष सियासी खेल खेला जा रहा है।