तमिलनाडु में लगभग 6 करोड़ वोटर राज्य की 38 लोकसभा सीटों के लिए अपना मतदान कर रहे हैं. वेल्लोर लोकसभा सीट पर चुनाव में धनबल के इस्तेमाल के चलते चुनाव आयोग ने मतदान स्थगित कर दिया है.
लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे फेज की पोलिंग में दक्षिण भारत के राज्य बेहद अहम हैं. हालांकि दूसरे फेज में देश के 12 राज्यों में वोटिंग हो रही है लेकिन इनमें तमिलनाडु और कर्नाटक बेहद अहम है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक यह चुनाव राज्य में केन्द्र में सत्तारूढ़ बीजेपी और कद्दावर क्षेत्रीय दल और पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की पार्टी AIADMK के सहारे राष्ट्रीय मुद्दों पर आधारित रहेगा.
तमिलनाडु में लगभग 6 करोड़ वोटर राज्य की 38 लोकसभा सीटों के लिए अपना मतदान कर रहे हैं. वेल्लोर लोकसभा सीट पर चुनाव में धनबल के इस्तेमाल के चलते चुनाव आयोग ने मतदान स्थगित कर दिया है. इसके साथ ही राज्य में 18 विधानसभा सीटों के लिए भी बायपोल कराया जा रहा है. वहीं कर्नाटक में दूसरे फेज की पोलिंग के दौरान राज्य की 14 लोकसभा सीटों के लिए वोट डाला जा रहा है.
गौरतलब है कि तमिलनाडु में क्षेत्रीय दल AIADMK और बीजेपी, पीएमके और डीएमडीके गठबंधन के खिलाफ DMK के नेतृत्व में बने सेकुलर डेमोक्रैटिक फ्रंट और कांग्रेस, एमडीएमके और वामपंथी दल मैदान में हैं. इसके अलावा राज्य में दिनाकरन के नेतृत्व वाली एएमएमके और फिल्म अभिनेता कमल हसन की एमएनएम चुनावी मैदान में हैं.
खास बात है कि तमिलनाडु में आजादी के बाद पहली बार ऐसा आम चुनाव हो रहे हैं जहां राज्य की कोई भी ऐसी राजनीतिक शख्सियत मैदान में नहीं है. राज्य में पूर्व के चुनावों में कांग्रेस पार्टी के सी राजगोपालाचारी या के कामराज जैसा कोई नेता नहीं है जो राष्ट्रीय स्तर पर महत्व रखता था.
न ही पूर्व के चुनावों की तरह इस बार सीएन अन्नादुराई, एन करुणानिधि, एमजी रामचंद्रन या जयललिता जैसा कोई नेता राजनीति को दिशा देने के लिए मैदान में है.
लिहाजा कहा जा सकता है कि तमिलनाडु में हाल के दशकों में यह पहला आम चुनाव है जब डीएमके और एआईएडीएमके अपनी राजनीतिक साख बचाने के लिए मैदान में हैं. गौरतलब है कि एआईएडीएमके और बीजेपी गठबंधन को उम्मीद है कि वह राज्य को नई राजनीतिक दिशा देने जा रहे हैं.
Last Updated Apr 18, 2019, 12:15 PM IST