मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार को उस समय किरकिरी का सामना करना पड़ा जब कमलनाथ कैबिनेट में शामिल एक महिला मंत्री अपना भाषण नहीं पढ़ पाईं, कलेक्टर को उनका भाषण पढ़ना पड़ा। नवनियुक्त कांग्रेस सरकार में मंत्री इमरती देवी जब भाषण पढ़ने में अटकने लगीं तो उन्होंने पास में खड़े जिले के कलेक्टर को बुलाया और उन्हें भाषण पढ़ने के लिए दे दिया। इमरती देवी कमलनाथ सरकार में महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्री हैं। 

दरअसल, इमरती देवी ग्वालियर जिला मुख्यालय में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लेने पहुंची थीं। कार्यक्रम के दौरान उन्हें वहां मौजूद लोगों को संबोधित करना था। हालांकि जैसे ही वह भाषण पढ़ने मंच पर आईं, उन्हें भाषण पढ़ने में दिक्कत हुई। पास ही खड़े कलेक्टर ने उनकी मदद करनी चाही, जिसके बाद मंत्री ने कलेक्टर को ही भाषण पढ़ने के लिए दे दिया और खुद नीचे उतर गईं। 

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हालांकि विवाद बढ़ने के बाद इमरती देवी ने सफाई भी दी। उन्होंने कहा, 'मैं पिछले दो दिनों से बीमार थी। आप डॉक्टर से पूछ सकते हैं। लेकिन सबकुछ ठीक है। कलेक्टर ने सही तरीके से मेरे भाषण को पढ़ा।' 

कमलनाथ मंत्रिमंडल के 28 सदस्यों में दो ही महिला मंत्री हैं। इमरती देवी ग्वालियर के डबरा से विधायक हैं। वह तब चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने शपथ ग्रहण करने के बाद कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को सिर्फ अपना नेता नहीं, बल्कि भगवान बताया था। उन्होंने कहा था मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया की पूजा करती हूं। 

कुछ दिन पहले गुना में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था भोपाल में मंत्रालय में टेबल पर फाइलें देखकर मुझे नींद आने लगती है।