पटना। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार का असर अब बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में दिखने लगा है। उपचुनाव से पहले ही राज्य में महागठबंधन टूट गया है। क्योंकि हर दल पांच विधानसभा की सीटों पर अलग अलग चुनाव लड़ रहा है। हालांकि कांग्रेस ने राज्य में पांच सीटों पर लड़ने का फैसला किया है जबकि हम और वीआईपी भी एक एक सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।

राज्य में लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को करारी शिकस्त मिली थी। चुनाव के बाद से ही विपक्षी दलों के सुर बदल गए थे। राज्य में कांग्रेस, राजद, हम, रालोसपा और वीआईपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। लेकिन महागठबंधन के खाते में एक ही सीट आई। कांग्रेस ही एकमात्र सीट पर जीत दर्ज कर सकी थी।

जबकि राजद और अन्य दलों का खाता भी नहीं खुला पाया था। जिसके बाद महागठबंधन में दरार आ गई थी। महागठबंधन के नेता और राजद नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ महागठबंधन में ही बगावत शुरू हो गई थी। हम के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम माझी ने खुलेतौर पर तेजस्वी का विरोध करना शुरू कर दिया था जबकि कांग्रेस ने कहा कि ये गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए था। 

अब राज्य की पांच विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। इसके लिए मतदान 21 अक्टूबर को होंगे। जबकि नामांकन की तिथि 29 सितंबर को है। लेकिन अभी तक सीटों का बंटवारा महागठबंधन में नहीं हो सका है। हालांकि राजद ने अपने तेवर नरम कर लिए हैं। लेकिन कांग्रेस ने बिहार में अकेले उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है।

जबकि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और विकासशील इंसान पार्टी(वीआईपी) ने भी एक-एक सीट पर राष्ट्रीय जनता दल के खिलाफ सीधे तौर पर लड़ाई लड़ने का फैसला किया है। राज्य की नाथनगर, बेलहर, सिमरी बख्तियारपुर, दरौंधा और किशनगंज विधानसभा सीट पर 21 अक्टूबर को मतदान होना है।