कांग्रेस की मुश्किलें खत्म होती नजर नहीं आ रही हैं। महाराष्ट्र में कांग्रेस को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। विधानसभा में नेता विपक्ष रहे राधाकृष्ण विखे पाटिल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। यही नहीं पार्टी से बर्खास्त नेता अब्दुल सत्तार ने भी कांग्रेस छोड़ दी है। इन दोनों नेताओं के जल्द भाजपा में शामिल होने की संभावना है। यही नहीं अब्दुल सत्तार ने दावा किया है कि कांग्रेस के 8-10 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। 

कांग्रेस छोड़ने के बाद राधाकृष्ण विखे पाटिल महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस से मिलने पहुंचे। इससे पहले, इस्तीफा देने के बाद पाटिल ने कहा, मैंने लोकसभा चुनाव के दौरान भी पार्टी के लिए प्रचार नहीं किया था। मुझे हाईकमान पर संदेह नहीं है। उन्होंने मुझे विपक्ष का नेता बनने का मौका दिया। मैंने इस पद पर रहते हए बेहतर काम करने भी कोशिश की। पर, हालात ने मुझे इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया है।' 

उधर, बर्खास्त कांग्रेस विधायक अब्दुल सत्तार ने इस्तीफा देने के बाद कहा, '8 से 10 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व से निराश होने के बाद मैं यह कदम उठाने के लिए मजबूर हुआ हूं। प्रदेश नेतृत्व के कारण पार्टी यहां धीरे-धीरे समाप्त हो रही है।' 

विखे पाटिल के बेटे सुजय विखे पाटिल ने लोकसभा चुनाव से ऐन पहले पाला बदल लिया था। वह भाजपा की ओर से अहमदनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और 2.81 लाख वोटों से जीत हासिल की। बेटे के कांग्रेस में जाने के बाद मार्च में विखे पाटिल ने नेता विपक्ष का पद छोड़ दिया था। 

लोकसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था। सूबे की 48 सीटों में से कांग्रेस को सिर्फ 1 सीट पर जीत मिली। वहां भाजपा और शिवसेना गठबंधन ने 41 सीटें झटक लीं। वहीं एनसीपी के खाते में 4 और एआईएमआईएम के खाते में एक सीट आई। एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली।