गोवा में प्रमोद सावंत की सरकार में बड़ा उलटफेर हुआ है। यहां पर अब भाजपा के कुनबे में दो विधायक और जुड़ गए हैं और इससे कांग्रेस की उम्मीदों का धक्का लगा है।
गोवा में प्रमोद सावंत की सरकार में बड़ा उलटफेर हुआ है। यहां पर अब भाजपा के कुनबे में दो विधायक और जुड़ गए हैं और इससे कांग्रेस की उम्मीदों का धक्का लगा है। असल में राज्य में भाजपा को समर्थन दे रही महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी में टूट हो गयी और उसके दो विधायक भाजपा में शामिल हो गए।
असल में महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी(एमएमपी) के दो विधायक मनोहर अजगांवकर और दीपक पवास्कर ने रात में भाजपा का दामन थाम लिया है। राज्य में एमएमपी के तीन विधायक हैं और अब दो विधायकों के पार्टी छोड़ने के बाद पार्टी में एक मात्र ही विधायक बचा है। इसे एक तरह से एमएमपी का भाजपा में विलय कहा जा रहा है लेकिन पार्टी के तीसरे विधायक सुदिन धवालिकर भाजपा में शामिल नहीं हुए हैं। धवालिकर ने हाल ही में मनोहर पार्रिकर की मौत के बाद बनी प्रमोद सावंत सरकार में उपमुख्यमंत्री बने हैं।
अब दो विधायकों के पार्टी में शामिल होने के बाद भाजपा के विधायकों की संख्या 14 हो गयी है और इसके अलावा पांच और विधायक सावंत सरकार को समर्थन दे रहे हैं। राज्य में 36 सदस्यों का सदन है। गौरतलब है कि दो विधायकों के पार्टी छोड़ने के बाद उन पर दल-बदल विरोधी कानून लागू नहीं होगा। लिहाजा सांवत सरकार को अभी कोई खतरा नहीं है। हालांकि गोवा में मनोहर पार्रिकर की मौत के बाद कांग्रेस ने कहा था कि राज्य में भाजपा के पास सरकार चलाने का बहुमत नहीं है। लेकिन विधानसभा में प्रमोद सावंत सरकार ने विश्वासमत हासिल किया।
क्या है दल-बदल विरोधी कानून
इस कानून के तहत किसी भी पार्टी के कम से कम दो तिहाई विधायक अगर पार्टी छोड़ते हैं और दूसरे दल में शामिल होते हैं तो उनकी विधायक की मान्यता खत्म नहीं होगी। यही नहीं अगर वह कोई नया दल बनाते हैं तो भी उनकी सदस्यता पर आंच नहीं आएगी और विधानसभा अध्यक्ष पृथक दल के रूप में मान्यता देंगे।
Last Updated Mar 27, 2019, 9:58 AM IST