एक तरफ जहां नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में केन्द्र सरकार ने झारखंड और छत्तीसगढ़ को केन्द्र में रखा है वहीं महाराष्ट्र में एक बार फिर नक्सली अपना पैर जमा रहे हैं. जहां महाराष्ट्र पुलिस की स्पेशल यूनिट सी-60 ने नक्सली कमांडर साइंनाथ को मार गिराया वहीं नक्सलियों ने बीते एक साल के दौरान 16 सी-60 यूनिट के जवानों के अलावा 3 लोगों को मौत के  घाट उतार दिया है।
 
जहां 2015 से नक्सली हमलों में मारे जा रहे जवानों की संख्या में 2015 से गिरावट देखने को मिल रही थी अब 2019 के दौरान इसमें 5 गुना बढ़त दर्ज हुई है। सूत्रों के मुताबिक केन्द्र सरकार एक बार फिर महाराष्ट्र के एक जिले को नक्सली रेड जोन में डालने की तैयारी कर रही है। गौरतलब है कि 2015 से नक्सली हमलों दर्ज गिरावट के चलते 2018 में एक जिले को रेड जोन से बाहर निकाल कर नक्सलियों से सुरक्षित घोषित कर दिया गया था।

आंकड़ों के मुताबिक 2015,2016, 2017 और 2018 (जून तक) नक्सलियों का सुरक्षा बलों पर हमला लगातार कम हो रहा था। जून 2018 तक यह हमला शून्य पर पहुंच गया। लेकिन 2019 एक बार फिर महाराष्ट्र में नक्सली चुनौती पैदा कर रहा है। इस साल नक्सलियों ने घातक हमला करते हुए सी-60 यूनिट के 15 जवानों की हत्या कर दी।

सुरक्षा बलों का दावा है कि हाल में नक्सली कमांडो साइनाथ समेत 40 नक्सलियों की हत्या के बाद से महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित जिलों में गतिविधियों में बढ़त देखने को मिल रही है। इस साल जनवरी में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सलियों ने तीन ग्रामीणों की गोली मार हत्या कर दी।  

महाराष्ट्र पुलिस अधिकारियों का मानना है कि केन्द्र सरकार एक बार फिर नक्सल रेड जोन से बाहर निकाले गए जिले को शामिल कर सकती है। साल 2017 तक महाराष्ट्र के 4 जिले नक्सली हिंसा से ग्रस्त थे। इनमें चंद्रपुर, गढ़चिरौली, गोंडिया और अहेरी शामिल थे। 

हालांकि 2015 से लगातार हिंसा में कमी के चलते केन्द्र सरकार ने 2018 में अहेरी को रेड जोन से बाहर कर सुरक्षित घोषित कर दिया था। अब जब एक बार फिर नकस्ली महाराष्ट्र में अपना पैर जमा रहे हैं, केन्द्र सरकार अहेरी को वापस रेड जोन में शामिल करने की रणनीति पर काम कर रही है।