नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार बनाने से विफल रही भाजपा का इसका खामियाजा अब अन्य राज्यों में उठाना पड़ रहा है। केन्द्र में एनडीए की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी ने झारखंड में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। लिहाजा झारखंड में एनडीए में टूट दिखाई देने लगी है। राज्य में आजसू के बाद अब एलजेपी ने एनडीए से बगावत कर दी है।

महाराष्ट्र में भाजपा सरकार नहीं बना पाई। वहीं तीन दशक पुराने सहयोगी दल शिवसेना ने भी साथ छोड़ दिया है। शिवसेना ने पूरी तरह से एनडीए का साथ छोड़ दिया है। जबकि एलजेपी अभी केन्द्र सरकार में भाजपा की सहयोगी है। लेकिन एलजेपी ने सीटों का बंटवारा न होने के कारण अब झारखंड में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। ये भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। हालांकि एलजेपी ने भाजपा से राज्य में छह सीटों की मांग की थी।

लेकिन एलजेपी ने भाजपा के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। वहीं राज्य में भाजपा की सहयोगी आजसू ने भी भाजपा को झटका दिया है। आजसू ने उन तीन सीटों पर भी अपने प्रत्याशियों को उतारा है। जिसमें पहले से भाजपा प्रत्याशी चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। आजसू ने राज्य में 12 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं। जिसमें से तीन सीटों पर पहले से ही भाजपा ने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं।

हालांकि पहले से ही माना जा रहा था कि राज्य में भाजपा और सहयोगी दलों के बीच चुनाव गठबंधन हो सकता है। वहीं पहले माना जा रहा था कि राज्य में कांग्रेस और सहयोगी दल राजद के बीच में सीटों का बंटवारा नहीं हो सका है। जो एनडीए के लिए राहत की बात थी। लेकिन अब एनडीए में ही सीटों का बंटवारा नहीं हो सका है। फिलहाल भाजपा  और आजसू ने मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया था। वहीं चिराग पासवान के हाथ में पार्टी की कमान आने के बाद से आक्रामक रूख दिखाने शुरू कर दिए हैं।

फिलहाल पासवान ने ऐलान कर दिया है कि वह आज शाम तक 50 सीटों पर अपने उम्‍मीदवारों के नाम की लिस्‍ट जारी कर देगी। वहीं बिहार में भाजपा की सहयोगी जनता दल यूनाइटेड पहले से ही राज्य में भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ रही है। गौरतलब है कि रविवार को बीजेपी ने अपने 52 उम्‍मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी थी। गौरतलब है कि राज्य की कुल 81 सीटों पर पांच चरण में मतदान होना है।