एक दिन पहले ही कार्यक्रम में शामिल होने पर जताई थी सहमति। बंगाल की सीएम ममता ने यह यू-टर्न उन खबरों के बाद लिया है, जिनमें कहा गया है कि भाजपा ने बंगाल में चुनाव के दौरान मारे गए अपने कार्यकर्ताओं के परिवारों को भी शपथग्रहण में शामिल होने का न्योता भेजा है।
बंगाल में भाजपा और टीएमसी की सियासी तल्खी चुनाव के बाद भी खत्म नहीं हुई है। एक दिन पहले ही नरेंद्र मोदी के पीएम के तौर पर दूसरे कार्यकाल के लिए शपथग्रहण में शामिल होने की बात कहने वाली ममता बनर्जी पलट गई हैं। अब उन्होंने कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
ममता ने यह यू-टर्न उन खबरों के बाद लिया है, जिनमें कहा गया है कि भाजपा ने बंगाल में चुनाव के दौरान मारे गए अपने कार्यकर्ताओं के परिवारों को भी शपथग्रहण में शामिल होने का न्योता भेजा है। पुरुलिया से मेदिनीपुर, मालदा से बांकुरा के लोगों को इस अवसर पर आमंत्रित किया गया है। खास बात यह है कि पार्टी ने सिर्फ 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं के परिजनों को ही न्योता नहीं दिया, राज्य में हुए पंचायत चुनाव में जान गंवाने वालों को भी इस कार्यक्रम में बुलाया है।
ममता ने एक ट्वीट में कहा है, 'भाजपा का दावा है कि बंगाल में सियासी हत्याएं हो रही हैं। यह सही नहीं है। बंगाल में कोई राजनीतिक हत्या नहीं हुई है। इसलिए मोदी जी इन आरोपों ने मुझे कार्यक्रम में शामिल न होने के लिए मजबूर किया है।' ममता ने अपने ट्वीट के साथ पीएम को भेजा गया पत्र भी साझा किया है।
The oath-taking ceremony is an august occasion to celebrate democracy, not one that should be devalued by any political party pic.twitter.com/Mznq0xN11Q
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) May 29, 2019
पत्र में ममता बनर्जी ने लिखा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी आपको बधाई! 'संवैधानिक आमंत्रण' पर मैंने शपथग्रहण में शामिल होने का फैसला किया था। हालांकि, पिछले कुछ घंटों में मीडिया रिपोर्टों में मैंने देखा कि भाजपा यह दावा कर रही है कि बंगाल में 54 राजनीतिक हत्याएं हुई हैं। ये पूरी तरह से झूठ है। बंगाल में कोई राजनीतिक हत्या नहीं हुई है। संभवतः ये हत्याएं पुरानी रंजिश, पारिवारिक झगड़े या फिर किसी अन्य रंजिश में हुई हों। इनका राजनीति से कोई संबंध नहीं है, न ही हमारे रिकॉर्ड में ऐसा कुछ है।'
पत्र में ममता ने आगे लिखा, 'इसलिए, नरेंद्र मोदी जी मैं क्षमा चाहती हूं, इसने मुझे मजबूर कर दिया है कि मैं शपथ ग्रहण समारोह से दूर रहूं।' शपथ ग्रहण समारोह को लोकतंत्र का पवित्र अवसर बताते हुए उन्होंने लिखा, 'शपथ ग्रहण समारोह लोकतंत्र के उत्सव का पवित्र मौका होता है। यह किसी दूसरी पार्टी के दर्जे को कम करने के लिए नहीं होता है और न ही किसी अन्य पार्टी के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध निकालने का मौका होता है। कृपया मुझे क्षमा करें।'
इससे पहले, मंगलवार को ममता ने कहा था, 'मैंने दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की है। वह सभी राष्ट्रपति भवन में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने वाले हैं। यह एक संवैधानिक कार्यक्रम है, लिहाजा मैं भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लूंगी।'
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Last Updated May 29, 2019, 3:37 PM IST